ज्योतिष की कक्षा में आज हम बात करेंगे शुक्र के आधिपत्य वाली दूसरी राशि तुला और मंगल के आधिपत्य वाली दूसरी राशि वृश्चिक की। इनमें से एक राशि शुक्र के आधिपत्य की है तो दूसरी मंगल के आधिपत्य की। आइए देखते हैं कैसे होते हैं ये लोग...
वणिक बुद्धि वाले तुला राशि के जातक
तुला राशि के जातकों की मनोदशा का केवल यही वर्णन नहीं है। भारतीय जनतंत्र में आज जिस व्यक्ति की छाप सबसे बड़ी है वह तुला राशि का ही जातक था। मैं बात कर रहा हूं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की। बाजार में अपनी तुला लिए खड़े व्यक्ति के रूप में तुला राशि को दिखाया गया है। विचारों से सम और हर बात को पूरी तरह तौलकर देखने वाला जातक तुला राशि का होगा। हालांकि इस राशि पर शुक्र का आधिपत्य है, इस कारण तुला राशि के जातकों को बनने संवरने, संगीत, चित्रकारी और बागवानी जैसे शौक होते हैं। इसके बावजूद रचनात्मक आलोचना और राजनैतिक चातुर्य इन जातकों का ऐसा कौशल होता है कि दूसरे लोग इनसे चकित रहते हैं। वणिक बुद्धि के कारण वाद विवाद में पड़ने के बजाय समझौता करने में अधिक यकीन रखते हैं। इन जातकों का शरीर दुबला पतला और अच्छे गठन वाला होता है। चेहरा सुंदर भी न हो तो मुस्कान मोहक होती है। इन जातकों को विपरीत योनि वाले सहज आकर्षित करते हैं। हालांकि इन जातकों की शारीरिक संरचना सुदृढ़ होती है, लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम होने के कारण बीमारियों की पकड़ में जल्दी आते हैं। साझीदार के साथ व्यापार करना इनके लिए ठीक रहता है। जातक उचित समय पर सही सलाह देता है। ऐसे में साझेदार भी ज्यादातर फायदे में रहते हैं। एक बार मित्र बना लें तो हमेशा के लिए अच्छे मित्र सिद्ध होते हैं। इन जातकों का पंचमेश शनि होता है। इस कारण तुला लग्न के जातकों के अव्वल तो संतान कम होती है और अधिक हो भी जाए तो संतान का सुख कम ही मिलता है। इनके लिए शुभ दिन रविवार और सोमवार बताए गए हैं। शुभ रंग नारंगी, श्वेत और लाल तथा शुभ अंक एक व दस हैं।
हताश होना नहीं सीखा वृश्चिक ने
वृश्चिक राशि के जातकों की सबसे बड़ी खूबी यही होती है कि वे कभी हार नहीं मानते। एक बार जिस काम में जुट गए उससे जल्दी से उकताते नहीं है और आखिरी दम तक उस काम को पूरा करने में जुटे रहते हैं। वृश्चिक राशि के लोग दो तरह के होते हैं। एक जो अपनी इंद्रियों को जीतकर जितेन्द्रिय बन जाते हैं। और दूसरे निम्न कोटि के जो ईर्ष्यालु और असभ्य होते हैं। इस राशि पर मंगल का आधिपत्य है सो अच्छा खासा डील डौल और चौड़ा माथा होता है। बालों में स्वाभाविक रुप से घुंघरालापन होता है। दवाओं से जुड़े कामों में अच्छा लाभ कमा सकते हैं। जलतत्वीय राशि होने के कारण इन लोगों का अंतर्ज्ञान भी ठीक होता है। बात दैहिक सुख की हो या गुप्त साहसिक कार्यों की, ये लोग पूर्ण संतुष्टि के साथ जिंदगी जीना पसंद करते हैं। मंगल के कारण आई उत्तेजना, अधिकार, उग्रता और द्ढृता इन लोगों को जिंदगी के कई क्षेत्रों में सफल बनाती है। ये अच्छे नौकर सिद्ध होते हैं, जब तक कि मालिक इनके साथ ईमानदार रहे। एक बार इन्हें नीचा दिखा दिया जाए या धोखा दे दिया जाए तो क्रूरता की हद तक जाकर बदला लेते हैं। कठोर वाणी से शत्रु बनाते हैं। अगर वृश्चिक राशि वाले लोग बोलना सीख लें तो अपने पीछे फॉलोअर्स की अच्छी संख्या एकत्रित कर सकते हैं। अधिकार की अति भावना के कारण ये चाहते हैं कि परिवार में भी बिना किसी लॉजिक या सवाल जवाब के इनकी बात सुन ली जाए और उस पर अमल हो। घर में कलह का यह सबसे बड़ा कारण बनता है, वरना इन लोगों को शांत और सहज पारिवारिक वातावरण पसंद है। स्त्रियों में वृश्चिक लग्न के मामले में तो केएस कृष्णामूर्ति ने यहां तक कहा है कि वृश्चिक लग्न की स्त्री हो और लग्न व मंगल अशुभ पीडि़त हो तो ऐसी औरत से विवाह करना अभिशाप है। वृश्चिक लग्न के जातकों के लिए रविवार, सोमवार, मंगलवार और गुरुवार सफलता देने वाले हैं। पीला, लाल, नारंगी और क्रीम रंग शुभ है।
अगली कक्षा में हम बात करेंगे धनु और मकर राशियों की...
bahut achchha laga aap ke blog par jyotish ki itni ghoodh baten padhkar.
जवाब देंहटाएंसिद्धार्थ भाई... दस दिनों बाद आपका सातवां दिन आया है। अब आठवें दिन के लिये कितने दिन और इन्तजार करना पड़ेगा... क्योंकि हमारी राशि आपके अगले दिन में कब से अटकी पड़ी है.... थोड़ा जल्दी कीजिये... हा हा हा
जवाब देंहटाएंआज आपकी मेल पढ़ी तो पता चला की ज्योतिष ज्ञान की गंगा बह रही है और हम कहीं और वयस्त है. अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी , किताब लेने के बाद एक बार फिर से लेख पढूंगा. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंज्योतिष का अतुलनीय संग्रह !
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