अब तक हमने पढ़ा है ज्योतिष की जरूरत क्यों है, ग्रह, नक्षत्र और राशियां क्या है और पिछली पोस्ट में हमने राशियों से परिचय प्राप्त करना शुरू किया था। मेष, वृष और मिथुन राशि के बाद आज हम पढ़ेंगे कर्क राशि के बारे में। हालांकि मैं इन राशियों के बारे में छोटी छोटी जानकारी ही दे रहा हूं, लेकिन ये वह जानकारी है जिसे पढ़ने के बाद आप जातक को देखकर अनुमान लगा सकते हैं कि यह किस राशि का जातक हो सकता है। या किस राशि का प्रभाव जातक पर अधिक है। इस बारे में विशद जानकारी के लिए आपको ज्योतिष रत्नाकर और फण्डामेंटल प्रिंसीपल ऑफ एस्ट्रोलॉजी पुस्तकें भी पढ़नी चाहिए। अगर आप पढ़ेंगे नहीं तो... अब क्या कहें।
सर्वाधिक राजयोग बनाने वाली कर्क राशि
दरअसल मुझे पहली बार इस राशि का परिचय ऐसे ही प्राप्त हुआ था। आप गौर कीजिए कि कर्क लग्न होने पर कुण्डली क्या बनेगी।
इस कुण्डली में चारों केन्द्र ऐसे हैं जिनमें ग्रह उच्च के होते हैं। लग्न में कर्क राशि में गुरु आएगा तो उच्च का होगा, चौथे भाव में शनि उच्च का होगा, सातवें भाव में मंगल और दसवें भाव में सूर्य उच्च का होगा। इसके अलावा लग्न से ग्यारहवां भाव आय का है। चंद्रमा अगर उच्च का हुआ तो इस भाव में होगा। सूर्य, बुध और शुक्र के सर्वाधिक संबंध बनते हैं। ऐसे में कर्क लग्न वालों के धन और आय के संबंध के योग भी कमोबेश अधिक बनते हैं। शुक्र बेहतर होने पर पैसा और प्रसिद्धि साथ साथ मिलते हैं। किसी भी लग्न में पाया जाने वाला यह दुर्लभ योग है जो कर्क में सहजता से उपलब्ध होता है। इन सभी बिंदुओं के चलते कर्क लग्न को राजयोग का लग्न कहा गया है।
कर्क राशि की विशेषताएं
यह पृष्ठ से उदय होने वाली राशि है। इनका बेढंगा शरीर, दुर्बल अवयव और शक्तिशाली पंजा होता है। इनके शरीर का ऊपर हिस्सा बड़ा होता है। उम्र बढ़ने के साथ इनकी तोंद भी बढ़ती जाती है। केश कत्थई और भूरापन लिए होते हैं। अस्थिर चेतना वाले इन जातकों की जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आते हैं। चंद्र का आधिपत्य इन्हें उर्वर कल्पनाशीलता होती है। धन संपन्नता या सम्मान की स्थिति पाने के लिए ये लोग दक्षता से जन समूह को प्रेरित कर देते हैं। ये लोग घर परिवार औ सुख की कामना करते हैं। उपहास और समालोचना का भय इन्हें विचारशील, कूटनीतिज्ञ और लौकिक बना देता है। जातक का स्वास्थ्य जवानी में खराब रहता है लेकिन उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य सुधरता जाता है। इस राशि वाले जातकों के लिए मंगलवार का दिन शुभ होता है। हस्तलेखन अस्थिर होता है, शुभ रंग श्वेत, क्रीम और लाल है। शुक्रवार को ये लोग आनन्द और लाभ अर्जित कर सकते हैं।
कर्क राशि से प्रभावितों के उदाहरण
भारतीय राज व्यवस्था में कर्क राशि का बड़ा महत्व रहा है। आजानुभुज राम कर्क लग्न के थे। उनकी कुण्डली में सूर्य, मंगल, गुरु, शनि, शुक्र और चंद्रमा उच्च के थे। वर्तमान दौर में इंदिरा गांधी, अटलबिहारी वाजपेयी और अब सोनिया गांधी की कुण्डली कर्क लग्न की बताई जाती है। मैंने खुद ने अब तक ये कुण्डलियां देखी नहीं है इसलिए मैंने लिखा बताई जाती हैं, अटल बिहारी वाजपेयी की कुण्डली तो जिस ज्योतिषी ने देखी उन्होंने ही मुझे बताया कि उनके कर्क लग्न और लग्न में शनि है।
लेख बड़ा हो गया इसलिए इस बार केवल कर्क राशि का ही विश्लेषण करेंगे। अगली कक्षा में हम बात करेंगे सिंह और कन्या राशि की...
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