About Astrologer Sidharth
पुस्तक ज्योतिष दर्शन पर ज्योतिष प्रेमियों ने प्रेमवर्षा की। अब तक तीन लोगों ने शानदार कमेंट किए हैं। ये तीनों कमेंट फेसबुक पर आए थे। यहां शेयर कर रहा हूं...
An Excellent astrologer,Astrologer Sidharth ji has great insight in astrology. His knowledge on astrology combined with his excellent analytical mind he is able to read your past present and predict your future with amazing accuracy.I have often consulted with him in past and will continue to do so in future. If you don’t believe in astrology than consulting sidharth ji will change your opinion about astrology. Highly Recommended
Ravi Dwivedi
सिद्धार्थ जी एक बहुत ही विनम्र एवं मृदुभाषी ज्योतिषी हैं, जो जातको को डराने के बजाए समुचित उपाय देते हैं. उनके ज्ञान को विस्तृत रूप से उनसे मिलने के बाद ही जाना जा सकता है … ज्योतिष की कई विधाओं में उनका अधिकार है . एक ज्योतिषी एवं इंसान के रूप जब आप उनसे मिलेंगे तो बेहद पसंद करेंगे।
रेखा मोरछले
About Book
1. ओम पुरोहित कागदजी ने लिखा..
ज्योतिष पर नए सोच की कृति : ज्योतिष दर्शन कृतिकार : श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी
ज्योतिष पर यूं तो भारत में एक से एक नायाब पुस्तक मौजूद हैमगर श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी की सद्य प्रकाशित कृति "ज्योतिष दर्शन"इन से कुछ हट कर है । श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी अपनी इस कृति मेंभारतीय ज्योतिष के मूल तत्वों के प्रकाश में कूछ हट कर चिन्तन प्रस्तुत कर रहे हैं । आप ने ज्योतिष के फ़लित भाग पर ज़बरदस्त ढंग से नवबोध करवाया है । फ़लादेश की पुरातन अवधारणाओं को आधुनिक दृष्टि दे करफ़लादेश कथन को सटीकता देने में उनके नवाचार अत्यन्त उप्योगी लगते हैं ।इस कृति के 35 आलेखों में उन्होने ज्योतिष के हर पक्ष को छूआ है तो वास्तु पर भी अच्छीम जानकारी उपल्ब्ध करवाई है ।श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी की यह कृति पठनीय ही नहीं वर्न ज्योतिषियों के लिए संग्रहणीय भी है । श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी को हार्दिक बधाई !
कृति : ज्योतिष दर्शनकृतिकार : श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशीमूल्य : 100 /- सो रुपयेप्रकाशक :सर्जना , शिवबाडी़ रोड , बीकानेर-334001 [ राजस्थान ]
कृतिकार : श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी2 / 257 ,मुक्ता प्रसाद कोलोनी, बीकानेर-334001 [ राजस्थान ] E-mail : imjoshig@gmail.comBlog : aallastrology.blogspot.comMobile : 09413156400
2. Ali Syed जी ने लिखा...
पिछले दिनों पंडित सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी की नव-प्रकाशित पुस्तक ‘ज्योतिष दर्शन’ अध्ययनार्थ सुलभ हुई, 110 पृष्ठों की इस पुस्तक का बाह्य कलेवर अपनी लाल वर्ण पृष्ठभूमि और श्वेत वर्णी अक्षरों के चलते आकर्षक बन पड़ा है ! पुस्तक के पिछले आवरण पृष्ठ में जोशी जी भले ही स्वयं को पाराशर ज्योतिषी घोषित करते हों पर पुस्तक की अंतर्वस्तु (इनर कंटेंट) इस बात की गवाही देती है कि उन्होंने ज्योतिष की बहुविधाओं में अपने हाथ आजमाए हैं ! ज्ञातव्य है कि पुस्तक विमोचन के अवसर पर जोशी जी से प्रत्यक्ष भेंट की असम्भावना से लेकर व्यक्तिगत रूप से पुस्तक प्राप्ति के समय तक में भी मुझे यह अनुमान नहीं था कि इसमें ज्योतिष की अनेकों विधाओं / प्रणालियों को स्थान दिया गया होगा !सामान्यतः मैं धार्मिक और पारलौकिक / परा-जागतिक विश्वासगत विषयों पर लिखने से भरसक बचने का यत्न करता हूं पर जोशी जी के विज्ञान स्नातक होने के साथ ही साथ दर्शनशास्त्र में परास्नातक होते हुए ज्योतिषी हो जाने ने मुझे आकर्षित किया कि मैं ज्योतिष विषय पर उनके नज़रिये, उनके अनुभव और उनके अध्ययन को बांच लूं ! नि:संदेह यह पुस्तक उन लोगों के लिए नहीं लिखी गई है , जिन्हें ज्योतिष विषय कपोल कल्पना लगता हो ! यह पुस्तक विशुद्ध रूप से उन पाठकों के लिए लिखी गई है , जो परा-भौतिक संकेतों से अपनी जीवन चर्या के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करने / अनिश्चित भविष्य में झाँकने के इच्छुक हों , यानि कि इहलौकिक जगत और पारलौकिक जगत के अन्तर्सम्बन्धों और सह-प्रभाविता पर विश्वास रखते हों ! ज्योतिष के विषय में लेखक का मंतव्य जानने के लिए इस पुस्तक की ‘भूमिका’ और ‘एक ज्योतिषी का जातक के नाम पत्र’ को बांचना समीचीन होगा ! इसके आगे, इस पुस्तक में 34 आलेख प्रकाशित किये गये हैं , जोकि लेखक के निज ब्लॉग से विशेष रूप से चयनित किये गये हैं ! ‘आकाशीय पिंड और जातक का संबंध’ नामित आलेख में वे नियतिवाद और कर्मवाद की धारणाओं के मध्य ज्योतिष विषय के झूलते होने की परिकल्पना करते हैं तथा ज्योतिषीय उपचार विषय पर अपना मंतव्य स्पष्ट करते हैं ! जहां , कालसर्प योग , ज्योतिष विश्वासियों के भयाक्रांत होने के चलते अनेकानेक ज्योतिषियों और पंडितों की रोजी रोटी का ज़रिया बना हुआ है , वहीं लेखक पूरी शिद्दत से कालसर्प योग की अप्रासंगिकता / उसके नहीं होने के पक्ष में तर्क देकर आश्चर्य चकित करते हैं ! पुस्तक के अगले आलेखों में लाल किताब / ओमेन / स्त्रियों / शिक्षा / ज्योतिषीय उपचार सह उपचार पर विवाद / नक्षत्र / भाव तथा कारक / मांगलिकता / ग्रहों के नीच और वक्रीय स्थितियों / दशाओं / छद्म फलादेश / सर्जरी से उत्पन्न अभिकल्पित शिशुओं और गीता में ज्योतिष उपचार की विशिष्ट चर्चा है ! लाल किताब , ज्योतिष के प्रचलित ज्ञान और दृष्टिकोणों की तुलना में सर्वथा भिन्न दृष्टान्त देती है ,मसलन , ग्रहों की स्थितियां बदलने के उपाय , आलेखों से स्पष्ट होता है कि लेखक लाल किताब के उपायों की त्वरित सफलता और के.पी. के ज्योतिष कर्म से प्रभावित होने के साथ ही साथ स्वयं के अनुभवों को भी पाठकों से बांटने में संकोच नहीं करते और वे यह कहने में भी संकोच नहीं करते कि लाल किताब और परम्परागत ज्योतिष सम-दृष्टि-धर्मी विषय नहीं हैं ! श्री जोशी , वास्तु / रत्नों की उपयुक्तता / दैहिक लाक्षणिकता / संतति के लैंगिक निर्धारण / कम्प्यूटर के उपयोग / परिधानों / ज्योतिष की शाखाओं / नौसिखिये ज्योतिषियों को अपने विश्लेषण में सम्मिलित करते हुए पाठक को ज्योतिष ज्ञान के क्षेत्र में एक नई दृष्टि देने का यत्न करते हैं !श्री जोशी पुस्तक के अंतिम आलेखों के तौर पर पुनः कृष्णमूर्ति के ज्योतिष कर्म / काटवे की देव विचार माला के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं ! यहीं पर वे राफेल की मंडेन ज्योतिष और आठ तरंगों के संसार के प्रति अपनी धारणाएं स्पष्ट करते हैं और सबसे अंत में वे अपने नोट्स के तौर पर अपने अनुभवों को पाठकों के साथ साझा करते हैं ! अब मुद्दा यह है कि इस पुस्तक से ज्योतिष विश्वासियों के हित साधन किस तरह से हो सकते हैं सो मेरा अपना अभिमत यह है कि श्री जोशी की यह पुस्तक पाठकों को स्वयं , नीम हकीम खतरा-ए-जान की तर्ज़ पर ज्योतिष वापरने के प्रति समुचित ढंग से सचेत करती है , यह ज्योतिष विधाओं के परस्पर वैभिन्य, उपचार तथा धारणागत भिन्नताओं के प्रति सामान्य पाठक को भिज्ञता प्रदानकर्ता के दायित्व का निर्वहन करती है ! निश्चय ही इस पुस्तक को पढ़कर कोई भी पाठक स्वयं ही ‘ज्योतिषी हो लेने’ की भूल नहीं करेगा बल्कि अपनी ज्योतिषीय उत्कंठाओं के प्रति विशेषज्ञ ज्योतिषी से संपर्क करेगा ! एक संश्लिष्ट विषय , बहु-आयामी विषय किन्तु अविश्वासियों के लिए विवादास्पद विषय ही सही पर ज्योतिष विश्वासियों को एक दिशा देने में लेखक सफल है कि अल्पज्ञता से श्रेयस्कर है विषय ज्ञाता से परामर्श ! पुस्तक की कीमत मात्र 100 रुपये है इसे सर्जना प्रकाशन , शिव बाड़ी रोड बीकानेर ने छापा है ,ज्योतिष में रूचि रखने वाले पाठकों के लिए श्री सिद्धार्थ जगन्नाथ जोशी के ज्योतिष अनुभव और ज्योतिष धारणाएं अध्ययन के लिए रुचिकर और महत्वपूर्ण प्रतीत होते हैं ! अगले संस्करण अथवा अगले प्रकाशन कार्य के लिए अपना सुझाव मात्र इतना ही कि एक ही पुस्तक में सर्व-विधायें समेटने से नये पाठकों के संभ्रमित होने का ख़तरा होता है अतएव लेखक यदि उचित समझें तो ... शुभकामनाओं सहित !
3. श्रीश के. पाठकजी ने लिखा...
मित्र, पढ़ गया मै किताब पूरी.... कुछ विषय तो ब्लॉग पर पढ़ लिया था..उन्हें भी दुहराया...टिप्पणियां भी याद आयीं. ज्योतिष में सहज और ईमानदार रूचि गर जगानी हो तो आपकी पुस्तक एक अनिवार्य पुस्तक मानी जायेगी. ये आपने दिखाया है कि कैसे ज्योतिष हमारे दैनंदिन जीवन में अभीप्सित परिवर्तन ला सकता है. सारे लेखों के मूल में जैसे प्रयास किया गया हो कि व्यक्ति को अपने इंट्यूशन को विकसित करना चाहिए. इस तरह से यह जीवन में स्वयं के प्रति विश्वास भी भरने की प्रेरणा देती है. चूँकि यह आपके ब्लॉग में लिखे हुए आलेखों का सम्पादित संकलन है तो अध्यायों में एक सहज अंतर्संबंध/तारतम्यता कम से कम उपरी तौर पर तो नही है, किन्तु बोध के स्तर पर उनमें निश्चित ही सम्बन्ध परिलक्षित हो रहा है. पाठक की एक सहज अपेक्षा होगी यदि संकलन का शीर्षक "ज्योतिष-दर्शन"(इतना विशद) होगा कि उसमें ज्योतिष के लगभग सभी बड़े प्रश्नों पर बात हो, एक सहज-साधारण पाठक भी ज्योतिष का कम से कम क ख ग समझ ले. आपकी भाषा बेहद ही सम्प्रेषणशील है, रोचक है और बहुत ही बोधपरक भी है. ऐसी भाषा कम से कम ज्योतिष के क्षेत्र में दुर्लभ है. संकलन का प्रत्येक आलेख प्रासंगिक है और उपयोगी भी. यह प्रासंगिकता एवं उपयोगिता केवल साधारण पाठकों के लिहाज से नही अपितु ज्योतिष क्षेत्र के बंधुओं के लिए भी उतनी ही है. किसी विषय के विद्वान्/ लेखक से अपेक्षा की जाती है कि वह गूढ़तम विषयों को सहज ग्राह्य बनाये...इस कसौटी पर तो आप बड़े ही प्रभावपूर्ण ढंग से खरे उतरे हैं।