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शुक्रवार, फ़रवरी 20, 2009

कब तक डरते रहोगे साढ़ेसाती से

बहुत जगहों पर पढ़ता रहा हूं। साढ़ेसाती के बारे में। अब तक सैकड़ों सवाल भी सुन और झेल चुका हूं। हर बार समझाने की कोशिश करता हूं कि साढ़ेसाती से डरने का कोई फायदा नहीं है। इसका कोई उपचार भी नहीं है। तो इतना पुस्‍तकों, मैग्‍जीनों, न्‍यूज चैनलों और पंडितों के यहां साढ़े साती के बारे में सुना है क्‍या सब फिजूल है।

मेरा जवाब है हां जी सबकुछ फिजूल है। मैं स्‍पष्‍ट करने का प्रयास करता हूं। पहले यह कि साढ़ेसाती होती क्‍या है। आपकी कुण्‍डली में चंद्रमा जिस राशि में जिस डिग्री पर बैठा है उस चंद्रमा से 45 डिग्री के घेरे में जब गोचर का शनि (यानि फिलहाल जो शनि की गति है उसके हिसाब से) आता है तो आपको शनि की साढ़ेसाती लग जाती है। साढ़ेसाती का अर्थ है यह साढ़े सात साल तक चलती है। 45 डिग्री के दायरे में आने के साथ शुरू होती है और चंद्रमा से आगे निकलकर 45 डिग्री दूर चली जाए तब तक चलती है। एक राशि तीस डिग्री की होती है। शनि का एक राशि में भ्रमण ढाई साल का होता है। चंद्रमा के दोनों ओर डेढ़ डेढ़ राशि तक इसका भ्रमण यह स्थिति पैदा करता है। यानि ढाई ढाई साल के तीन हिस्‍से किए जा सकते हैं।

अब सवाल कि यह करती क्‍या है। जैसा कि मैंने किताबों में पढ़ा है और मेरे वरिष्‍ठजनों से राय ली है साढ़े साती हमें अधिक मेहनत करने के लिए विवश करती है। जब हम समय के साथ इसके अनुसार दौड़ नहीं पाते तो निठल्‍ले होकर बैठ जाते हैं। किसी व्‍यक्ति पर साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव है या नहीं यह चैक करने के लिए मेरे पास एक बहुत आसान रास्‍ता है। मैं उस व्‍यक्ति से पूछता हूं कि अभी क्‍या समय हुआ है। साढ़ेसाती का पीडि़त अधिकांशत: इसका गलत जवाब देगा। अगर शनि खराब प्रभाव नहीं कर रहा है तो जवाब सही आएगा। इस फार्मूले को निकालने के पीछे ठोस कारण यह है कि खराब शनि हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम पर आक्रमण करता है और हमारे दैनिक कार्य करने में भी परेशानी आने लगती है। इसी से शुरू होती है टाइमिंग की समस्‍या। यानि गलत समय पर आप सही जगह पर पहुंचते हैं या सही समय पर गलत जगह पर। यह साढ़ेसाती का दूसरा बड़ा साइन है।

यह तो मैंने बताया कि समस्‍या कहां दृष्टिगोचर होती है और कैसे होती है। अब सवाल कि इससे डरा क्‍यों जाए और डरा क्‍यों न जाए। पहले सवाल का जवाब है कि जब पता चल गया कि शनि की साढ़ेसाती टाइमिंग और टाइम सेंस को खराब करती है तो सबसे पहले इसी पर चेक लगाया जाए। यानि इसे दुरुस्‍त करने के जमीनी उपाय शुरू कर दिए जाएं। मसलन घड़ी पहनी जाए और दिनांक और समय के प्रति सचेत रहा जाए। प्‍लान बनाकर काम किए जाएं और जहां जाएं वहां समय नष्‍ट करने के बजाय पूर्व में पूरी जानकारी एवं समय लेकर पहुंचा जाए। इसी तरह के खुद के मैनेजमेंट के हजारों उपाय हैं।

इससे साढ़ेसाती का असर नब्‍बे प्रतिशत तक कम हो जाएगा। दूसरा सवाल कि डरा क्‍यों न जाए। वह इसलिए कि एक आदमी की औसत आयु सत्‍तर साल भी मान ली जाए तो उस व्‍यक्ति की जिंदगी में तीन बसा साढ़ेसाती आएगी। यानि साढे़ बाइस साल तक साढ़ेसाती का काल रहेगा। यही नहीं कुछ योग शनि के कंटक के भी बनेंगे। यानि उस दौरान भी साढ़ेसाती के कुछ असर रहेंगे। इस तरह तो पहले चालीस साल के सक्रिय जीवनकाल में ही पंद्रह साल ऐसे आ जाएंगे जब इस डर के साथ जीना पड़ेगा। अब यह बात कैसे मानी जा सकती है कि किसी व्‍यक्ति के चालीस में से पंद्रह साल तो खराब ही हो गए। नहीं ऐसा नहीं हो सकता। साढ़े साती पूरी तरह खराब भी नहीं होती। अपने तीन चरणों में वह सिर, पेट और पैर में या इससे ठीक उल्टे क्रम में रहती है। जब सिर में होगी तो सोचने के लिए मजबूर करेगी और जब पांव में होगी तो दौड़ने के लिए और जब पेट में होगी तो ढेर सारा धन दिलाएगी। यानि पेट भर देगी। अगर ऐसी है साढ़ेसाती तो डरने की नहीं बल्कि रोलर कोस्‍टर राइड करने का समय है। तो अब मैं सोच सकता हूं कि इस बार जब कोई आपको बताएगा कि आपकी साढ़ेसाती शुरू होती है अब... और आपको दिमाग में आएगा कि ठीक है चलो चलते हैं राइड पर।

कब चिंता करनी चाहिए...

जब आपके किसी वृद्ध परिजन को साढ़ेसाती लगे तो चिंता करनी चाहिए। आमतौर पर तीसरी साढ़ेसाती जीवन के साथ ही खत्‍म होती है और तीसरी किसी तरह निकल जाए तो चौथी आखिरी होती है। हर कोई जानता है कि वृद्ध लोग रोलरकोस्‍टर राइड नहीं कर पाते हैं। साढेसाती में यही होता है। इसी से बड़े बूढों को दिल और दिमाग की बीमारियां होती है। कुछ लोग शारीरिक रूप से थक कर हार जाते हैं तो कुछ मानसिक लड़ाई में टूटते हैं। लेकिन जवानों के साथ ऐसा कुछ नहीं होता।

मैंने आपकी जिंदगी के पहले पचास साल सिक्‍योर कर दिए हैं साढ़ेसाती के प्‍वाइंट आफ व्‍यू से। अब आपकी बारी है मुझे नया विचार देने की। :)

9 टिप्‍पणियां:

  1. और हां जब तक अविनाशजी का साथ हो तब तक भी डरने की जरूरत नहीं बस खिलखिलाते रहिए।

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  2. जिंदगी के पहले पचास साल सिक्‍योर --bas yahi baat samjh aayi hai---

    baki यह साढ़े साती का हिसाब मेरी समझ से परे है..मुझे कभी समझ नहीं आता.
    dhnywaad

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  3. वाह यह तो बहुत नए तरीके से बात बतायी आपने ..शुक्रिया

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  4. सुना है शनि मंगल पर भारी होता है कुंडली मे मंगल यदि १,४,७,१० मे हो तो साढेसाती शनि क्या असर करेगा ?

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  5. its big eye opner,
    what u need in life is exposure...u have given wondeful platform to remove ignorance abt astrology...
    it wonderful..and best of luck...keep it up..

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  6. Guruvar,

    Aaap ka aur aap ke tarkon ka bahut bada fan hun.
    Blog nirantar padta hun,Milne ki bhi prabal iccha hai/
    Ishwar par nirbhar hai ki kab aap samay de pate hai.

    Alok
    singapore

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    1. अभिभूत हूं। अभी शायद पदवियों के लिए तैयार नहीं हूं। आप दोस्‍त कह सकते हैं।


      ईश्‍वर ने संयोग बनाया तो शीघ्र मिलेंगे...

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