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मंगलवार, मार्च 24, 2009

हर क्षण अपने आप में पूर्ण है

एक बालक जन्‍म लेता है तो अपने साथ उम्‍मीदों के पंख ले आता है। संतान से माता पिता और ‍अन्‍य परिजनों की क्‍या इच्‍छाएं पूरी हो सकती है यह जानने के लिए बच्‍चे की जन्‍म कुण्‍डली बनाई जाती है। वास्‍तव में जन्‍म के समय बनी कुण्‍डली उस समय की तात्‍कालिक गोचर स्थिति की फोटो होती है। यानि जन्‍म कुण्‍डली बताती है कि जब जातक पैदा हुआ तो आसमानी पिण्‍ड फलां कहानी बयां कर रहे थे। 
अब बच्‍चा जैसे जैसे बड़ा होता है माता पिता उसे संस्‍कार देते हैं और उसकी भलाई के लिए कई जतन करते हैं। कभी गण्‍डा ताबीज बांधते हैं तो कभी उसके हाथ से दान कराते हैं। कई बड़े ज्‍योतिषियों ने कमोबेश कहा है कि भाग्‍य को धोखा नहीं दिया जा सकता। मैं खुद भी इसे मानता हूं। लेकिन भाग्‍य का भोग कम या अधिक तीव्र किया जा सकता है। एक व्‍यक्ति जिसे कार चलाने का योग हो वह अपना भाग्‍य मारुति 800 से बढ़ाकर मर्सडीज तक ले जा सकता है। योग तो बड़े वाहन का ही रहा। इस तरह कभी कर्म तो कभी आस्‍था। भाग्‍य को प्रभावित करते रहते हैं। बच्‍चा अब युवा हो गया या युवावस्‍था से अधेड़ हो रहा है। तब तक वह खुद की और आस-पास के लोगों की जिंदगी में कई  प्रभावी परिवर्तन कर चुका होता है। 
प्‍वाइंट यह है कि किसी चालीस साल के आदमी की जन्‍म कुण्‍डली देखकर यह बताया जाए कि आने वाले दिनों में आपके साथ अमुक घटना होने वाली है तो मेरा अनुमान है कि 80 प्रतिशत लफ्फाजी के साथ यह फलादेश दुरुस्‍त निकलेगा। शेष बीस प्रतिशत भाग भी गणित का ही रहेगा। इसी के साथ जातक का जन्‍म समय कौनसा माना जाए इस पर भी अभी विवाद जारी है। ऐसे में किसी प्रश्‍न का सही जवाब लेना हो तो किस प्रकार लग्‍न कुण्‍डली पर निर्भर रहा जा सकता है। 
क्‍या है प्रश्‍न कुण्‍डली
वास्‍तव में तात्‍कालिक गोचर की फोटो प्रश्‍न कुण्‍डली है। अब  इसका उपयोग क्‍या है। ऐसा माना जाता है कि जिस तरह जातक का जन्‍म होने पर उस समय का तात्‍कालिक गोचर जन्‍म लग्‍न कुण्‍डली बनकर उसके भविष्‍य के बारे में बता सकता है वैसे ही किसी भी प्रश्‍न का भविष्‍य पूछे गए समय की गोचर स्थिति से बताया जा सकता है। प्रश्‍न कुण्‍डली वास्‍तव में प्रश्‍न का भविष्‍य कथन है। मेरा मानना है कि यह ऊटपटांग समय लेकर बनी जन्‍म कुण्‍डली से अधिक सटीक होता है। क्‍योंकि आज का समय आज से बीस तीस या पचास साल पहले से अधिक हमारे कंट्रोल में है। 

3 टिप्‍पणियां:

  1. यही सृष्टि का मूल है
    पूर्ण है सब कुछ
    अपूर्ण नहीं कुछ भी।

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  2. प्रश्न कुंडली क्या है ,नहीं मालूम

    हाँ ,भाग्य बड़ा बलवान होता है यह तो तय है.और यह भी हर क्षण
    अपने आप में पूर्ण है.

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  3. सिद्दार्थ जी, बिल्कुल सही लिखा आपने........मैं स्वयं प्रश्न कुंडली का आजतक कम से कम हजारों बार प्रयोग कर चुका हूं ओर हर बार मैने इसके माध्यम से पूर्णत: सटीक फलकथन किया है....शत प्रतिशत

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