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बुधवार, नवंबर 02, 2011

सोच की गति से पैसा

देखने में यह काल्‍पनिक विषय है लेकिन ऐसा होता है। जो लोग सालों तक बिजनेस में लगे रहते है उन्‍हें पता है कि एक समय ऐसा भी होता है जब सोच की गति से पैसा बनना शुरू हो जाता है। हालांकि हर समय ऐसा नहीं होता। जिन लोगों के जीवनकाल में ऐसा वक्‍त आकर जा चुका होता है वे बार-बार ज्‍योतिषियों के पास जाते हैं और अपने उसी दौर को फिर से जीने की कोशिश करते हैं।

guy with money thoughtज्‍योतिष की नजर में क्‍या होता है सोच की गति से पैसा बनाना और कितने लोग सफल होते हैं इस प्रकार धन कमाने में। यह बताने से पहले मैं स्‍पष्‍ट करता हूं कि प्रकृति के अनुसार लोग चार प्रकार के होते हैं। यह प्रकृति राशियों के आधार पर बनाई गई है।

मेष, सिंह और धुन राशियां अग्नितत्‍वीय होती हैं,

वृष, कन्‍या और मकर राशियां पृथ्‍वीतत्‍वीय होती हैं,

मिथुन, तुला और कुंभ राशियां वायुतत्‍वीय होती हैं

कर्क, वृश्चिक और मीन राशियां जलतत्‍वीय होती हैं।

इन्‍हीं राशियों के आधार पर लोग भी चार प्रकार के होते हैं। हर प्रकार के व्‍यक्ति की कुण्‍डली में ऐसा वक्‍त जरूर आता है जब वह अपने मूल तत्‍व, कारक ग्रह, उसकी दशा और घटनाओं के प्रति सामंजस्‍य बैठा लेता है। यही वक्‍त होता है जब व्‍यवसायी सोच की गति से पैसा बना पाता है। अब एक आम आदमी का सवाल होता है कि उसे कैसे पता चलेगा कि उसका ‘वह’ वक्‍त आ गया है। इसे जानने के लिए आपको पता करना होगा कि आपकी कुण्‍डली का लग्‍न अथवा राशि कौनसी है। कुछ कुण्‍डलियां लग्‍न से ऑपरेट होती हैं तो कुछ राशि से। ऐसे में जो अधिक प्रभावी है वहीं से देखा जाएगा। इसके बाद हर लग्‍न की कुण्‍डली का एक निश्चित कारक ग्रह होता है। उस कारक ग्रह की दशा में ही हमारे प्रयासों के उत्‍कृष्‍ट परिणाम आते हैं। जैसे कि मेष लग्‍न की कुण्‍डली में सूर्य की दशा में और तुला लग्‍न की कुण्‍डली में शनि की दशा में सर्वाधिक अच्‍छे परिणाम आएंगे।

तो कुछ लोगों का सवाल यह भी होता है कि कारक ग्रह की दशा से पहले क्‍या किया जाए। इसके लिए मेरा जवाब यही है कि कारक ग्रह की दशा आने से पूर्व तक आपको इसकी तैयारी करनी होती है। अगर कारक ग्रह की दशा से पहले पर्याप्‍त ठोस जमीन तैयार नहीं की गई होगी तो कारक दशा बीतने तक आप परिस्थितियों को अनुकूल बनाते रहेंगे और बेहतर परिणामों के लिए फिर से किसी अंतरदशा या प्रत्‍यंतर दशा का इंतजार करना पड़ेगा। यानि काम करते रहना होगा, सही समय आने पर उसके बेहतरीन परिणाम में आएंगे। वैसे हर एक की कुण्‍डली का व्‍यक्तिगत विश्‍लेषण कर ही निकाला जा सकता है कि अमुक व्‍यक्ति का स्‍वर्णकाल कब आ रहा है।

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