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बुधवार, फ़रवरी 08, 2012

Naptune cycle in houses

नेप्‍च्‍यून का भावों में विचरण


Astrology today by sidharth Joshi

पश्चिमी ज्‍योतिषियों के अनुसार नेप्‍च्‍यून सपनों और छद्म प्रभावों का ग्रह है। यह भावों, राशियों एवं अन्‍य ग्रहों को अपना विशिष्‍ट प्रभाव देता है। राशियों में यह गुरु के साथ मीन राशि का आधिपत्‍य साझा करता है। इसे भौतिक और आध्‍‍यात्मिक दुनिया के बीच की कड़ी मानते हैं। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह जातक के अवचेतन के संबंधों के बारे में जानकारी देता है। इस ग्रह की ऊर्जा को धोखे, भ्रम और निराशाजनक लत के रूप में देखा जा सकता है। देसी अंदाज में कहें तो जातक की कुण्‍डली में नेप्‍च्‍यून ग्रह जिस स्‍थान पर होगा, उस स्‍थान से संबंधित चमत्‍कार पैदा करेगा। बारह भावों और बारह राशियों में नेप्‍च्‍यून के असर को देखा जा सकता है। हर राशि और भाव में नेप्‍च्‍यून रहस्‍य, आदर्श, अध्‍यात्‍म और कल्‍पनाओं के तीव्र असर का समावेश कर देगा। उदाहरण के तौर पर अगर नेप्‍च्‍यून दूसरे भाव में है तो जातक धन कमाने के लिए नए और असामान्‍य तरीके काम में लेगा। 

नेप्‍च्‍यून एक राशि में करीब 14 साल तक रहता है। इसके चलते पूरी एक जनरेशन के स्‍वभाव में एक जैसा प्रभाव भी देखा जा सकता है। भारतीय परिपेक्ष्‍य में देखें तो आजादी के पहले के सालों को चौदह-चौदह सालों में विभाजित करें तो हर दौर में एक विशिष्‍ट श्रेणी के लोग अधिक आए। आजादी के बाद भी पीढि़यों की विशिष्‍टता के दौर जारी हैं। कोई राष्‍ट्रवादी पीढ़ी है तो कोई भ्रष्‍टाचार के विरुद्ध आवाज बुलंद करने वाली। कोई दौर पश्चिमी अंधानुकरण वालों का रहा तो कोई दौर देश के लिए काम करने वाले लोगों का रहा। पश्चिमी देशों को देखा जाए तो मिथुन राशि बौद्धिकता की परिचायक है। ऐसे में वर्ष 1887 से 1901 के बीच रचनात्‍मक जीनियस लोगों की भरमार रही। इसी तरह वर्तमान दौर (1998 से 2012) में नेप्‍च्‍यून कुंभ राशि में है। यह राशि मानवतावाद और मौलिक चिंतन वाली है। इस दौर के लोग परम्‍परागत सोच से हटकर काम करने वाले और मानवता की सहायता करने वाले काम करने वाले सिद्ध हो सकते हैं। 

नेप्‍च्‍यून का गोचर


इस ग्रह को एक राशिचक्र पूरा करने में 164 साल का समय लगता है। ऐसा माना जाता है कि नेप्‍च्‍यून का असर इस पर निर्भर करता है कि हम इससे प्रभाव से पैदा हुई स्थितियों के साथ जीने की कोशिश कर रहे हैं अथवा इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल यह ग्रह अपने गोचर के प्रथम चरण में भ्रम पैदा करता है और बाद में स्थितियों को चमत्‍कारिक रूप से साफ दिखाता है। हकीकत में यह अमूर्त से हमारे तीसरी शक्ति से संपर्क का माध्‍यम बनता है, और अपने गोचर के अंत में फिर से भौतिक जगत में ले आता है। इस ग्रह का प्रभाव कहां कितना होगा और किस तरह कार्य करेगा इस बारे में भी बताना कुछ मुश्किल है। हां, संकेत निकाले जा सकते हैं, लेकिन ठीक ठीक क्रियाविधि बताना टेढ़ा काम है।

नेप्‍च्‍यून (Naptune) को एक राशिचक्र (Cycle) पूरा करने में तकरीबन 164 साल का समय लगता है। एक सामान्‍य व्‍यक्ति को इतनी लंबी अवधि तक जिंदा नहीं रहता है। दूसरी बात यह भी है कि कोई एक ज्‍योतिषी नेप्‍च्‍यून के प्रभावों का अध्‍ययन करने जितना भी नहीं जी सकता। ऐसे में प्राचीन घटनाओं, महापुरुषों की जीवनियों और इतिहास के साक्ष्‍यों को नेप्‍च्‍यून के गोचर के साथ मिलाकर अध्‍ययन कर कुछ निष्‍कर्ष निकाले गए हैं। रहस्‍य के मालिक इस ग्रह के विभिन्‍न भावों में प्रभावों के बारे में कई जगह बताया गया है। नेप्‍च्‍यून के अधिकार की राशि गुरु की दूसरी और भचक्र की आखिरी राशि मीन दी गई है। इसी के साथ बारहवां भाव भी नेप्‍च्‍यून का प्रिय भाव बताया गया है। इस नए नवेले और धीमे चलने वाले ग्रह के बारे में कुछ पश्चिमी पुस्‍तकों से मिली जानकारी को संक्षेप में यहां पेश करने का प्रयास कर रहा हूं। इसी के साथ कुण्‍डलियों पर इस ग्रह के स्‍थाई प्रभाव के बारे में अध्‍ययन जारी है। इसे master of disguise भी कहा जाता है।

परम्‍परागत भारतीय ज्‍योतिष में उन्‍नीसवीं शताब्‍दी में मिले नेप्‍च्‍यून ग्रह को लेकर कोई सामग्रमी नहीं मिलती लेकिन बाद के साहित्‍य में इसे स्‍थान तो मिला, पर पहचान नहीं। यूरेनस को लेकर मेरा निजी अनुभव भी कुछ खास अच्‍छा नहीं रहा है। इसके बावजूद पिछले कुछ समय में नेप्‍च्‍यून को लेकर उत्‍साह में बढ़ोतरी हुई है। इस ग्रह को मास्‍टर ऑफ डिस्‍गायस भी कहा जाता है। आइए देखते हैं क्‍या है इस ग्रह में..

यहां नेप्‍च्‍यून के राशिचक्र में गोचर (Gochar) के प्रभाव के बारे में मिली जानकारी आपके साथ शेयर कर रहा हूं। वर्तमान में नेप्‍च्‍यून कुंभ राशि में विचरण कर रहा है। ऐसे में आप अपनी कुण्‍डली के अनुसार यह पता कर सकते हैं कि यह आपको किस तरह प्रभावित कर रहा है। मेष लग्‍न वालों के ग्‍यारहवें भाव को, वृष लग्‍न के दसवें भाव को, मिथुन के नौंवे, कर्क के आठवें, सिंह के सातवें, कन्‍या के छठे, तुला के पांचवें, वृश्चिक के चौथे, धनु के तीसरे, मकर के दूसरे और कुंभ लग्‍न के पहले और मीन लग्‍न के बारहवें भाव में विचरण कर रहा है। इसके अनुसार आप अपनी लग्‍न पर हो रहे प्रभाव का अध्‍ययन कर सकते हैं। 

पहले भाव में गोचर

यह दिमाग, शरीर और आत्‍मा को प्रभावित करता है। इन्‍हें अधिक ऊर्जा क्षेत्र में ले जाता है। जातक आस पास के लोगों की भावनाओं को अधिक दक्षता से समझने लगते हैं। जातक जब दूसरे लोगों से संपर्क करेंगे तो एक छद्म वातावरण का निर्माण करेगा। ऐसे लोग प्रेक्टिकल होने के बजाय आदर्शवादी, स्‍पप्‍नवादी अथवा संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएंगे। कुछ जातकों का आत्‍मविश्‍वास घट भी सकता है। इनके जीवन की राह अनिश्चित होती है। 

दूसरे भाव में गोचर

यह नैतिक एवं अन्‍य प्रकार के मूल्‍यों में तेजी से बदलाव करता है। दूसरे भाव में नेप्‍च्‍यून के पहुंचने पर जातक धन को लेकर लापरवाह भी हो जाते हैं। इससे लंबे समय में वित्‍तीय असुरक्षा का वातावरण बनता है। ऐसे समय में घोटाले और सट्टेबाजी का दौर तेज हो जाता है। 

तीसरे भाव में गोचर

तीसरे भाव में विचारण के दौरान जातक अंतर्ज्ञान के बारे में जानना और समझना शुरू करता है। ऐसे जातकों को दुनियादारी की सामान्‍य बातें समझने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। जैसे, सरकारी अथवा अन्‍य स्रोतों से मिले आंकड़े। ऐसे समय में जातक दिए गए समय पर पहुंचने में चूक करने लगता है, यहां तक कि उसे तारीख और वार तक का भान भी नहीं रहता। संगीत, कविता और अन्‍य कला क्षेत्रों में ऐसे जातक तेजी से अपनी जगह बनाने लगते हैं। ये जातक अधिक कल्‍पनाशील हो जाते हैं और जीवन के नए रास्‍ते अपनी कल्‍पनाओं के आधार पर तय करने लगते हैं। इन जातकों की कवित्‍व शक्ति न केवल कविताएं गढ़ने के काम आती हैं, बल्कि कई बार प्रेरणादायक भी बन जाती हैं। 

चौथे भाव में गोचर

गोचर में चौथे में आया नेप्‍च्‍यून आपके परिवार, भूतकाल या पारिवारिक जीवन में उलझनें अथवा विभ्रम की स्थिति पैदा करता है। रिश्‍तों के प्रति आप व्‍यवहारिक के बजाय आदर्शात्‍मक सोच रखने लगते हैं। अगर आप सचेत नहीं होते हैं तो नेप्‍च्‍यून की यह स्थिति कई तरह की नई समस्‍याएं भी खड़ी कर देता है। परिवार के प्रति आपका कोई कमिटमेंट नहीं होना परिवार के सदस्‍यों के लिए मानसिक अवसाद अथवा दुख का कारण बनने लगता है। जब परिवार को आपके त्‍याग की जरूरत होती है तब आप उसके लिए उपलब्‍ध नहीं होते हैं। इस गोचर के दौरान आप सामान्‍य से अधिक नींद भी लेने लगते हैं। इसका एक कारण आपका जल्‍दी थक जाना भी हो सकता है। 

पंचम भाव में गोचर

नेप्‍च्‍यून के इस गोचर के दौरान आपके जीवन में रोमांस को अधिक शिद्दत से महसूस करने लगते हैं। इसी दौरान एक गड़बड़ होती है कि आप अपने प्रेमी अथवा जीवनसाथी से प्रेम अथवा व्‍यवहार के संबंध में कई तरह की उम्‍मीदें बांधना शुरू कर देते हैं। भले ही वे यर्थार्थ से दूर ही क्‍यों न हों। ऐसे में संबंधों में तनाव की स्थिति बनने लगती है। इसी के साथ आपकी संतान के संबंध में कई तरह की उलझनें सामने आने लगती हैं। अगर रचनाशीलता के कोण से देखें तो यह आपकी जिंदगी का सर्वश्रेष्‍ठ समय भी हो सकता है। 

छठे भाव में गोचर

आपकी रुचि दवाओं या रसायनों के प्रति बढ़ने लगती है। ऐसे में ध्‍यान रखने की बात यह है कि तनाव इस लंबे कालखण्‍ड में आपको शारीरिक तौर पर तोड़कर रख सकता है। इस दौरान आपका पेशा सहायता संबंधी सेवाओं में हो सकता है। इसमें दान और अन्‍य सहायता सेवाएं शामिल हैं। इस भाव में नेप्‍च्‍यून की स्थिति आपकी दैनिकचर्या और जीवनचर्या को प्रभावित करने वाली भी सिद्ध हो सकती है। 

सातवें भाव में गोचर

करीबी साझेदारों से दो तरह का व्‍यवहार देखने को मिल सकता है। साझेदारी में अनिश्चितता की स्थिति आपको परेशान करने लगती है। इसके साथ ही खुद आपके व्‍यवहार में अपने साझेदार अथवा पत्‍नी या पति के प्रति खराबी आने लगती है। साझा टूटने की हद तक की समस्‍याएं आप खुद बढ़ाने लगते हैं। दूसरों को आकर्षित करने की प्रवृत्ति बढ़ने के साथ ही आपमें एक स्‍वाभाविक असुरक्षा की भावना भी बढ़ने लगती है, इससे आपके आस-पास के लोग परेशान होने लगते हैं। 

आठवें भाव में गोचर

नेप्‍च्‍यून के इस गोचर के दौरान आपके समक्ष साझा किए गए धन और संपत्ति के संबंध में समस्‍याएं बढ़ने लगती हैं। दूसरी ओर ऋण एवं अन्‍य वित्‍तीय सहायताएं भी उम्‍मीद से बेहतर अंदाज में मिलने लगती हैं। निजी संबंधों में प्रगाढ़ता आती है। इस दौर यह मेरा है, वह तुम्‍हारा है वाली भावना भी अपेक्षाकृत कम होने लगती है। आपके साझेदार की वित्‍तीय स्थिति खराब होने से व्‍यापार या व्‍यवसाय का आपका हिस्‍सा भी खराब होने लगता है। इस दौर में धोखे से सावधान रहने की बहुत जरूरत है। 

नौंवे भाव में गोचर

आपके जीवन से जुड़ी अधिकांश चीजों में बढ़ोतरी होने के संकेत मिलने लगते हैं। चाहे वह परिवार हो या समाज, धन हो या सफलता। यहां तक कि आध्‍यात्मिक क्षेत्र में भी उन्‍नति के अवसर मिलते हैं। आपके व्‍यक्तित्‍व में भी कुछ अधिक आकर्षण बढ़ता है। आपके स्‍वभाव में कुछ रहस्‍यमयी भावों के साथ दूसरों के प्रति नाजुकता का भाव आता है, इससे समाज और सर्किल में आपकी पकड़ तेजी से बढ़ती है। भावों से जुड़े कला क्षेत्रों में आपका रुझान भी तेजी से बढ़ता है। यात्रा, कानूनी मामलों और उच्‍च शिक्षा के प्रति उलझनें बढ़ने की परेशानी रहती है। 

दसवें भाव में गोचर

आपकी दृष्टि पर एक धुंधलापन आने लगता है। इससे अच्‍छी भली चल रही जिंदगी में भूचाल की आशंका परेशान करने लगती है। अगर आपने अपनी जिंदगी का एक मास्‍टर प्‍लान बना रखा है तो नेप्‍च्‍यून के इस भाव में गोचर के दौरान आपको इसकी उपादेयता पर शक होने लगता है। आपके कॅरियर और साख के साथ अनपेक्षित घटनाएं, संयोग, निजता और रहस्‍य खेलने लगते हैं। भले ही दूसरे लोगों को लगता रहे कि आप जैसे पहले थे वैसे ही अब भी हैं, लेकिन आप अंदर से परेशान होते हैं। अपने इस व्‍यवहार को काबू कर आप सफलता से इस दौर को पार कर सकते हैं। 

ग्‍यारहवें भाव में गोचर

नेप्‍च्‍यून का यहां यह प्रभाव होता है कि आपकी सामाजिक प्रतिष्‍ठा में तेजी से बढ़ोतरी होती है। इस राशि भ्रमण के दौरान यह ग्रह आपको खुद से जुदा लगभग प्रत्‍येक चीज से एक सुरक्षित दूरी बनाने के लिा बाध्‍य करता है। इससे हो सकता है कि आपके मित्र समूह या संगठन में आपकी साख को बट्टा लग रहा हो, लेकिन आप सुरक्षित रहने में ही भलाई समझने लगते हैं। यह दौर आपको सिखा देता है कि कौन मित्र हैं और किनसे दूरी रखनी है। 

बारहवें भाव में गोचर

नेप्‍च्‍यून का यह सबसे प्रिय भाव है। यहां गोचर कर रहा ग्रह आपको अकेले में बैठकर आनन्‍द लेने योग्‍य बनाता है। इस समय आपको किसी की भी जरूरत नहीं रहती। इस समय आप बेहतरीन सपने लेते हैं। प्रकृति में हो रहे परिवर्तनों को आप अधिक शिद्दत से महसूस करने लगते हैं। तीसरी शक्ति के प्रति आस्‍था भी नेप्‍च्‍यून के इस गोचर के दौरान तेजी से बढ़ती है।

भारतीय ज्‍योतिष की किसी भी प्राचीन पुस्‍तक में इन ग्रहों के बारे में स्‍पष्‍ट जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। हालांकि मैंने सभी पुस्‍तकें जांची नहीं हैं, लेकिन इस बारे में मैंने अपने गुरुओं से पूछा है। उन्‍होंने बताया कि इस ग्रह की खोज होने के बाद भी भारतीय ज्‍योतिषियों ने इस पर अधिक ध्‍यान नहीं दिया है। जो कुछ थोड़ा बहुत फौरी अध्‍ययन हुआ है वह पश्चिमी ज्‍योतिषियों ने ही किया है।

3 टिप्‍पणियां:

  1. सिद्धार्थ जी .. नेप्‍च्‍यून की गति को लेकर आपको या आपके गुरूओं को कुछ गलत फहमी है .. पंचांगों में आप देख सकते हैं .. पंद्रह वर्षों में ही नेप्‍च्‍यून एक राशि बदल देता है .. सिर्फ नेप्‍च्‍यून ही नहीं .. अन्‍य मामलों में भी भारतीय ज्‍योतिषियों ने अधिक रिसर्च नहीं किया है .. आज भी ज्‍योतिषिय पत्र पत्रिकाओं में प्राचीन ग्रंथों के हिंदी अनुवाद ही देखने को अधिक मिलते हैं .. जबकि आज की जीवनशैली के परिवर्तन को देखते हुए ज्‍योतिष के स्‍वरूप को भी बदलना चाहिए .. मैने पाया है कि नेप्‍च्‍यून के राशि परिर्वतन होते ही एक खास तरह के माहौल की शुरूआत होती है .. जिस पुराने माहौल से लोग उबे होते हैं .. उसका अंत होता है !!
    http://www.gatyatmakjyotish.com/2011/05/blog-post_21.html

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  2. सॉरी .. आपने राशिचक्र लिखा है .. मैने राशि समझ लिया .. दरअसल रिसर्च न होने की बात की आपने अधिक चर्चा की .. जबकि एक पीढी एक एक राशि में गुजरते नेप्‍च्‍यून का फल देख सकती है .. जैसा कि मैने इस लेख में लिखा है !!

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  3. कृपया मार्गदर्शन करें मै रोज दैनिक भास्कर में देखता हँू कि तिथि का समय 28 बजकर कुछ मिनिट या 29 बजकर कुछ मिनिट तक दिखाई जाती है कृपया ये समय कैसे पता करते हैं क्योंकि मै यहाँ तक जानता हँू कि 24 के बाद तो 1 बजता है।

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