ज्योतिष : टाइम डिजाइनर बेबीज (जन्म समय का पूर्व निर्धारण)
Plan your baby's Birth time
आपने सुना होगा कि लंकापति रावण ( Lankapati Ravan) ने अपने पुत्र इंद्रजीत के जन्म का समय कुछ इस तरह व्यवस्थित किया कि उसके पुत्र के सभी ग्रह 11वें भाव में आ जाएं। चूंकि 11वां भाव विजय और लाभ (Gain) का भाव होता है। इस भाव में हर ग्रह अपना शुभ प्रभाव ही देता है। सो रावण के सभी ग्रहों इसी भाव में पहुंचाने की ठान ली। ज्ञान के उस प्रकाण्ड पंडित ने यह कारनामा कर भी दिखाया, लेकिन ऐन वक्त पर शनि ने भाव छोड़ दिया। बाद में इसी शनि के कारण इंद्रजीत, जिसने तीनों लोकों को सहज में ही जीत लिया था, को मृत्यु का आलिंगन करना पड़ा।
अब तक हमारे देश में या कहें दुनिया में सामान्य विधि से ही बच्चे पैदा (Birth) होते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दशकों में सिजेरियन ऑपरेशन ने यह तय करना शुरू कर दिया है कि बच्चा किस तारीख को और कितने बजे पैदा होना है। हालांकि अब तक यह चिकित्सकों (Doctors) की सुविधा पर निर्भर था, लेकिन अब कुछ फाइव स्टार मैटरनिटी अस्पतालों ने इसे अभिभावकों की इच्छा पर आधारित करना शुरू कर दिया है। यहीं पर ज्योतिष का दखल भी शुरू हुआ।
लोगों में भले ही अपनी संतान को इंद्रजीत बनाने की कल्पना न हो, लेकिन कुछ अभिभावक (Parents) कम से कम यह तो चाहेंगे ही कि अगर सिजेरियन ऑपरेशन की संभावना हो तो तय बताए गए दिनों में से अधिकतम शुभ समय का चयन किया जाए। कुछ लोगों की धारणा है कि यह राहूकाल (Rahukalam) को टालने के लिए है तो कुछ लोग इसे बेहतर भविष्य या उत्तम स्वास्थ्य से जोड़कर देखते हैं।
डिलीवरी समय से अधिकतम पांच दिन पहले तक का समय लिया जा सकता है। जो भी समय और तारीख सिजेरियन डिलीवरी के लिए दी जाएगी, वह इन्हीं पांच दिनों के भीतर की होगी। इससे अधिक समय लेना जच्चा (Mother) और बच्चा (Infant) दोनों के लिए खराब हो सकता है। ऐसे में किसी ज्योतिषी को केवल पांच नक्षत्र (Nakshatras) निकलने का समय मिल पाता है।
इसमें ध्यान में रखी जाने वाली बाते हैं...
- ज्योतिषीय विश्लेषण से लिंग निर्धारण किसी भी सूरत में न किया जाए।
- परिवार के इतिहास के अनुसार ही आगामी संतान के भविष्य की रूपरेखा देखी जाए।
- पंचक, भद्रा, गंडमूल नक्षत्रों और राहूकाल को टालकर जन्म समय निकाला जाए।
- पैदा होने वाले बच्चे का जन्म लग्न और चंद्रमा पीडि़त न हो।
- चाहे दिन का हो या रात का, जन्म लग्न और दशाओं का निर्धारण गंभीरता से किया जाए।
- पूर्व में तय डिलीवरी डेट से पांच दिन से अधिक पहले या डिलीवरी डेट के बाद का समय नहीं दिया जा सकता।
इसके साथ यह भी जरूरी है कि बच्चे की माता के ऑपरेशन का योग होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो, कई बार ऑपरेशन का समय दिए जाने के बावजूद समय से पहले नॉर्मल डिलीवरी हो जाती है। ऐसे में पहले यही देख लिया जाए कि माता के ऑपरेशन का योग है या नहीं।
बेहतरी की संभावनाएं
अधिकांश अभिभावक यह चाहते हैं कि बालक या बालिका (Boy or Girl) उसी क्षेत्र में जाए जिस क्षेत्र में परिवार पहले से काम कर रहा है। ऐसे में डिजाइनर बेबी (Designer baby) का समय निर्धारण करते समय यह ध्यान में रखने की प्रमुख बात होती है कि बच्चे को एक ओर पारिवारिक पृष्ठभूमि (Family history) का लाभ मिलने वाला हो और दूसरी तरफ बच्चे का नैसर्गिक रुझान (Natural interest) भी ऐसा ही हो।
जिन परिवारों में बच्चों की अधिक मौतें हो रही होती हैं, वे स्वास्थ्य वाले बिंदू पर दूसरे किसी अन्य बिंदू से ज्यादा गौर करते हैं कि जन्म लेने वाला बच्चा स्वस्थ्य हो। शारीरिक सौष्ठव, बुद्धि अथवा समृद्धि की हर परिवार की अपनी तरह मांग होती है। ऐसे में एक ज्योतिषी पहले अभिभावकों से उनकी इच्छा पूछने के बाद तय समय के भीतर सबसे उपयुक्त समय बता सकता है। पूर्व में तय समय से बहुत पहले का समय बताने से शिशु का विकास अवरुद्ध (Blocked dovelopment) होने की आशंका बन सकती है। ऐसे में समृद्धि को देखकर निकाले गए समय के अनुसार हो सकता है कि बच्चा समृद्धि में पले, लेकिन मानसिक और शारीरिक रूप से उतना सक्षम नहीं रहेगा।
पैदा होने वाले बच्चे (Baby has to be born) का समय निर्धारण करने के लिए करीब एक पखवाड़े (15 days) के सभी शुभ अशुभ योगों को देखना होता है, भद्रा (Bhadra), पंचक (Panchak), उपयुक्त लग्न (Favourable Lagna), चंद्र की शुभता (Pure moon) सहित अधिकांश ग्रहों (Planets) की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए कुण्डली तैयार कर एक निश्चित समय स्लॉट देना होता है। आमतौर पर इस कार्य में दो या तीन दिन तक लग जाते हैं। दो या तीन ज्योतिषी मिलकर भी करें तो पूरे दिन का श्रमसाध्य कार्य है।
Next time per aisa hi hoga
जवाब देंहटाएंbahut khub
जवाब देंहटाएंसिद्धार्थ जी ए लेख मुझे बहुत अछा लगा । आगामी दिनमे भि इस्से बहुत प्रबाभी लेखका मे इन्तजार करुङगा । मे नेपालसे हु और आपका हर लेख बढी दिल्चस्पिसे आध्ययन और मनन कर्नेका प्रयास कर रहा हु । आप आस्टम स्थान, मारक दशा और किसी भि आदमिका मृत्यु कब और कैसे होगा ए लेख Series रूपमे प्रकाशित करे तो हम आपसे और सुक्रगुजार होङे । इश्वर आपको सदबुद्दी दे और इसि तरह आगे बढनेका शक्ती प्रदान करे । अस्तु ..........
जवाब देंहटाएं@rabishwar koirala
जवाब देंहटाएंधन्यवाद। ऐसी किसी सीरीज के बारे में विचार पुष्ट होते ही लिखने का प्रयास करूंगा..