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रविवार, अक्टूबर 05, 2025

ज्‍योतिष कक्षा : 9वां दिन, कुंभ व मीन राशि

ज्‍योतिष की कक्षा में हम अब तक मेष से मकर राशि तक के बारे में जान चुके हैं। आज हम भचक्र की आखिरी दो राशियों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। इनमें से एक राशि शनि की है तो  दूसरी गुरु की। मजे की बात यह है कि इन दोनों राशियों वाले जातक दिखने में लंबे होते हैं। कुंभ राशि वाला जातक खुद लंबा नहीं होगा तो कम से कम अपने पिता से अधिक लंबा होता है। अब तक मेरे देखे गए नब्‍बे प्रतिशत मामलों में ऐसा ही हुआ है। कुंभ नकारात्‍मक होने के बावजूद एक सफल शख्सियत देती है तो मीन राशि के जातक आमतौर पर हमें शांति से क्रियाशील बने हुए दिखाई देते हैं।

कुंभ - मजबूत शरीर और शक्तिशाली दिमाग

भचक्र ही यह ग्‍यारहवीं राशि है। इस पर शनि का आधिपत्‍य है। वायु तत्‍वीय, विषम और स्थिर राशि है। इस राशि में कोई भी ग्रह उच्‍च या नीच का नहीं होता। इस लग्‍न के जातक आमतौर लंबे, दुबले, क्रियाशील, नकारात्‍मक सोच वाले, काम में लगे रहने वाले और मजबूत शरीर वाले होते हैं। ये दिमागी रूप से इतने सजग होते हैं कि इन्‍हें प्रशंसा अथवा अन्‍य चापलूसी वाले तरीकों से खुश किया या बरगलाया नहीं जा सकता। इसी प्रवृत्ति के कारण ये लोग नई बातों को समझने और आत्‍मसात करने के मामले में कुछ कमजोर होते हैं, इसके चलते कुंभ राशि के जातकों पर बहुत जल्‍दी पुरातनपंथी होने का ठप्‍पा लग जाता है। अपनी तय नियमों और सिद्धांतों पर अडिग रहते हैं, इस कारण सामाजिक स्‍तर पर कई बार बहिष्‍कार की स्थिति तक पहुंच जाते हैं। केएस कृष्‍णामूर्ति तो कहते हैं कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में कुंभ राशि के जातक काम के प्रति झुके हुए होते हैं, यहां काम का अर्थ उन्‍होंने अभिलाषा से लगाया है। ऐसे जातक अगर अकेले में या बिना मित्रों के रहेंगे तो खराब स्थिति में रहेंगे। भले ही सावधानी से मित्रों का चुनाव करे, लेकिन मित्र जरूर रखें। कुंभ राशि अथवा लग्‍न वाली स्त्रियां अपने साथी को संतोषजनक पाने पर उनका पूरा साथ देती हैं, लेकिन असंतुष्‍ट होने पर अपने पति को छोड़ देने के लिए भी हिचकिचाती नहीं हैं। कुंभ जातकों के लिए गुरु, शुक्र, मंगल और सोमवार श्रेष्‍ठ बताए गए हैं। शुभ रंग पीला, लाल, सफेद और क्रीम है।

मीन - करुणामयी सहारा देने वाली

यह गुरु की दूसरी और भचक्र की अंतिम राशि है। इस राशि के जातकों में करुणा की भावना होती है, स्‍वयं बढ़कर भले ही सहायता न करे, लेकिन पुकारे जाने पर पूरी तरह सहायता के लिए तत्‍पर हो उठते हैं। ये दार्शनिक होते हैं, रोमांटिक जीवन जीते हैं, साहस के साथ स्‍पष्‍ट बोलने वाले और विचारशील होते हैं। अपनी सज्‍जनता के कारण जिंदगी में सफलताओं के कई मौके गंवा बैठते हैं। द्विस्‍वभाव राशि का असर जातकों के विचारों पर भी पड़ता है, एक समय इनके एक प्रकार के विचार होते हैं तो परिस्थितियां बदलने पर विचार भी बदल जाते हैं। मीन जातकों को प्राय: गैस संबंधी शिकायत होती है। मदिरा के सेवन के शौक को मीन राशि वाले जातकों को नियंत्रण में रखना चाहिए। ये लोग आमतौर पर भण्‍डारी, शिक्षक, मुनीम अथवा बैंक में कर्मचारी होते हैं। एकाग्रता कम होने के कारण निरन्‍तर नए कार्यों की ओर उन्‍मुख होते रहते हैं। अपनी संतान के आश्रित बनने से बचने क लिए ये जातक युवावस्‍था में ही निवेशों पर ध्‍यान देने लगते हैं। मीन लग्‍न के जातक अपेक्षाकृत तेजी से मित्र बनाते हैं, ऐसे में इनके मित्रों में हर तरह के लोग शामिल होते हैं। इन जातकों को हमेशा ध्‍यान रखना चाहिए कि अपने सभी भेद मित्रों के सामने नहीं खोलें, अन्‍यथा परेशानी में फंस सकते हैं। मीन राशि के लिए गुरु, मंगल और रविवार श्रेष्‍ठ दिन हैं। लाल, पीला, गुलाबी और नारंगी रंग शुभदायी हैं। एक, चार, तीन और नौ अंक शुभ हैं।

 

यहां तक हमने जाना राशियों के बारे में। अब हम आगामी कक्षाओं में हम बात करेंगे भावों की। भावों के साथ उनका कारकत्‍व भी जुड़ा है। हर भाव के साथ कारकत्‍व की जांच हम गहनता से करेंगे।

भगवान गणेश आपका दिन मंगलमय करे...

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