ज्योतिष की कक्षा में अब तक हम सात कक्षाओं में मेष से लेकर वृश्चिक राशियों से परिचय प्राप्त कर चुके हैं। आज धनु और मकर राशि से परिचय करेंगे। धनु और मीन जहां गुरु के आधिपत्य की राशियां हैं वहीं मकर और कुंभ शनि के आधिपत्य की। आइए देखते हैं क्या बताती हैं ये राशियां...
विपरीत परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन : धनु राशि
धनु राशि के जातकों के बारे में बताने से पहले अगर मैं आपको बता दूं कि युवाओं के पथ प्रदर्शक स्वामी विवेकान्द धनु लग्न के जातक थे, तो आपके दिमाग में धनु लग्न अथवा धनु राशि से प्रभावित जातकों की छवि तुरंत बन जाएगी। धनु राशि का स्वामी गुरु है। इन जातकों की खासियत यह होती है कि ये विपरीत परिस्थिति में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। ये जातक बहुत अधिक सोचते हैं। इस कारण निर्णय करने में देरी भी करते हैं, लेकिन एक बार जिस निर्णय पर पहुंच जाए उससे डिगते नहीं हैं। सत्य के साथ रहते हैं और किसी के साथ अन्याय हो रहा हो तो उसके साथ जा खड़े होते हैं। बोलने में इतने मुंहफट होते हैं कि यह जाने बिना कि सामने वाले पर क्या बीत रही होगी, बोलते जाते हैं। इन लोगों की बोली में ही व्यंग्य समाया हुआ होता है। सीधी बात कहने की बजाय टोंटिंग में ही बोलते नजर आएंगे। अच्छे चेहरे मोहरे, सुगठित शरीर, लम्बा चौड़ा ललाट, ऊंची और घनी भौंहों वाले आकर्षक व्यक्तित्व को देखकर ही समझा जा सकता है कि यह धनु लग्न या धनु राशि प्रधान व्यक्ति है। ये निडर, साहसी, महत्वाकांक्षी, अति लोभी और आक्रामक होते हैं। इन लोगों को जिंदगी में अनायास लाभ नहीं होता है। ये रिश्तेदारों के प्रति निर्मम और अपरिचितों के लिए नम्र होते हैं। ये तेजी से मित्र बनाते हैं और लम्बे समय तक उसे निभाते भी हैं। अगर किसी व्यक्ति की धनु राशि या धनु लग्न की कन्या से विवाह हो तो उसे भाग्यशाली समझना चाहिए। क्योंकि ऐसी कन्या अपने पति को समझने वाली और सही परामर्श देने वाली होती है। इनके लिए शुभ दिन बुधवार और शुक्रवार बताए गए हैं। शुभ रंग श्वेत, क्रीम, हरा, नारंगी और हल्का नीला बताया गया है। शुभ अंक छह, पांच, तीन और आठ हैं।
सतत कर्म, सहनशील, स्थिर प्रवृत्ति : मकर राशि
लम्बे और पतले मकर लग्न अथवा राशि के जातकों को एक बारगी देखने पर यकीन नहीं होता कि ये लोग बड़े समूह या संगठन का सफल संचालन कर रहे हैं। बचपन में इन्हें देखें तो लगता है पता नहीं कब बड़े होंगे और कब अपने पैरों पर खड़े होंगे। पर, किशोरावस्था में अचानक तेजी से बढ़ते हैं और इतना विकास करते हैं कि अचानक युवा दिखाई देने लगते हैं। यह अवस्था भी इतने अधिक लम्बे समय तक रहती है कि साथ के युवक अधेड़ दिखने लगते हैं और इन पर जैसे अवस्था का असर ही दिखाई नहीं देता। यह त्याग और बलिदान की राशि है। कृष्णामूर्ति बताते हैं कि जो व्यक्ति पिछले जन्म में अपना बलिदान देता है वह इस जन्म में मकर राशि में पैदा होता है। ये जातक मितव्ययी, नीतिज्ञ, विवेक बुद्धियुक्त, विचारशील, व्यावहारिक बुद्धि वाले होते हैं। इनमें विशिष्ट संगठन क्षमता होती है। असाधारण सहनशीलता, धैर्य और स्थिर प्रवृत्ति इन्हें बड़ा संगठन खड़ा करने में मदद करती है। इन लोगों को उपहास से हमेशा भय लगा रहता है। इस कारण समूह में बोल नहीं पाते। ऐसे में लोग समझते हैं कि ये लोग अंतर्मुखी हैं। इस राशि का स्वामी शनि है। शनि अच्छा होने पर ये लोग ईमानदार, सजग और विश्वसनीय होते हैं और शनि खराब होने पर ठीक उल्टा होता है। इन्हें एक साथी हमेशा साथ में चाहिए। तब इनका कार्य अधिक उत्तम होता है। इन जातकों में अहंकार, निराशावाद, अत्यधिक परिश्रम की कमियां होती हैं। इन्हें चिंतन पक्षाघात (एनालिसिस पैरालिसिस) की समस्या होती है। जातकों को सजग रहकर इन समस्याओं से बचने की कोशिश करनी चाहिए। ये लोग अपने परिजनों से प्रेम करते हैं लेकिन उसका प्रदर्शन नहीं करते। इसलिए परिवार के लोग, यहां तक कि इनकी संतान भी ही समझती है कि उनके पिता उन पर ध्यान नहीं देते। एक बात है जो इनके व्यवहार के विपरीत होती है वह यह कि जहां समूह में एक भी बाहर का व्यक्ति हो तो ये लोग चुप्पी मार जाते हैं, लेकिन यदि परिवार के लोग या सभी निकट के परिचित लोग हो तों परिहास की हल्की फुल्की ऐसी बातें करते हैं कि सभा में उपस्थित सभी लोगों का हंसते हंसते बुरा हाल हो जाता है। इनके लिए शुभ दिन शुक्रवार, मंगलवार और शनिवार होता है। शुभ रंग लाल, नीला और सफेद है।
नौंवी कक्षा में हम कुंभ और मीन राशियों का परिचय प्राप्त करेंगे। इसके बाद ग्रहों और भावों पर चर्चा की जाएगी।
बड़ी मुश्किल से एक-एक पल निकाला है हमारी राशि के बारे में जानने के लिये और आपने तड़पा-तड़पा कर आज लगाई... पढकर अच्छी आत्मानुभूति मिली। आप धन्यवाद के पात्र है... नहीं धन्यवाद के सुपात्र हैं.... हा हा हा
जवाब देंहटाएंनोट - हमारे हंसने को अन्यथा न लिया जाए।
काफी अच्छा और साधारण जीवन से जुदा विश्लेषण किया है सिद्धार्थ जी!धनु राशि का ऊर्जा पुंज सदैव ऐसे जातकों का पथ आलोकित करता है या यूं कहें कि नेपथ्य में रहकर उसको अनुशासित करता है!कई बार हमारे सुनने में आता है कि फलां ऑफिस में जाब गया तो एक आदमी ने अपने ऑफिस में कचरा देखा तो सफाई करने लगा,कुछदेर बाद जाकर पता लगा की वह व्यक्ति वहाँ का मेनेजर था!ये प्रभाव सकारात्मकता के हैं स्थिति विपरीत होने पर परिणाम भी उलट ही प्राप्त होते हैं,जैसे धनु राशि वाले सदैव ऊर्जा की कमी महसूस करेंगे और मकर का जातक चपड़ासी होने पर भी मेनेजर सरीखा बर्ताव करता नजर आएगा!
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी टीवी मे टैरो कार्ड देखती जनता को असली ज्योतिष से परिचित कराने का कार्य बहुत सराहनीय है ।
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