लक्ष्मी किसे प्यारी नहीं। इसे पाने को हर कोई बेताब रहता है। हर कोई प्रयास करता है लेकिन कुछ ही ऐसे होते हैं जिन पर देवी की कृपा होती है। हमारे तंत्र शास्त्र में कई ऐसे नुस्खे दिए गए हैं जो लक्ष्मी के आगमन को सुगम बनाते हैं।
लगातार घाटा होने पर
व्यापार ज्योतिष में दरिद्रता नाशक मुद्रिका के बारे में दिया गया है। इसके अनुसार शुक्लपक्ष में रवि या गुरु पुष्य के दिन त्रिधातु की अंगूठी बनवाकर अनामिका अंगुलि में पहनने से ऐसे जातक को लाभ होता है जिसे व्यापार में लगातार घाटा हो रहा हो।
मुहूर्त पर मंत्र
अमावस्या, दीपावली और होली की रात को बारह बजे से महालक्ष्मी का मंत्र करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। बहुत से सेठों ने सालों साल तक इन मंत्रों को किया और अभीष्ट की प्राप्ति की है। यह मंत्र है
ओं श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:
करणीदान सेठिया की मंत्र विद्या में दिया गया है कि पूर्व की तरफ मुंह करके पीले वस्त्र और पीले रंग की माला का प्रयोग करें। कमरा साफ रखें। मार्गशीर्ष नक्षत्र व गुरुवार हो उस दिन भी मंत्र का जाप शुरू किया जा सकता है। वे भक्तामर स्रोत के 26वें श्लोक की तीन माला फेरने के बाद मंत्र का जाप शुरू करने की सलाह देते हैं। लक्ष्मी की मूर्ति सामने रखें। पीले फूल चढ़ावें। रोज दस माला का जाप करें। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होगी। उनके अनुसार एक लाख माला का जाप होने पर लक्ष्मी स्वयं दर्शन देती है।
सफाई का चमत्कार
हमारे घर में कई तरह के लोग आते हैं उनके साथ उनके वाइब्रेशन भी हमारे घर में प्रवेश करते हैं। उत्तर भारत हो या दक्षिण नजर लगने की समस्या बराबर है। इससे नेगेटिव वाइब्रेशन के रूप में भी लिया जा सकता है। इस तरह के वाइब्रेशन को घर से निकालने और लक्ष्मी को स्थान देने के लिए पुष्य नक्षत्र से शुरू कर इक्कीस दिन तक गृहस्वामी और स्वामिन दोनों मिलकर नमक मिले पानी से पूरे घर की सफाई करें (पोंछा लगाएं) तो घर में लक्ष्मी का प्रवेश आसान हो जाएगा। इसे अनुभूत प्रयोग बताया गया है।
रात की गणना
धन कमाने के लिए पहले धन के बारे में विचार करना जरूरी है। बहुत से लोग धन के बारे में स्पष्ट विचार नहीं रखते और धन पाने की रुचि से अधिक लालसा विचारों पर हावी रहती है। ऐसे लोगों को साइकोसोमेटिक उपचार बताया जाता है। यह बहुत आसान और कारगर है। रात को सोते समय नींद आने तक नोट गिनना। यह सुनने में एक बारगी हास्यास्पद लग सकता है लेकिन बहुत से धनहीनों ने इसे किया वे भले ही धनपति नहीं बन पाएं हों लेकिन धन के मामले में आत्मनिर्भर तो हुए ही हैं।
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