1. गुरू का प्रभाव: चौडा भाल, बडा शरीर और गेहूंआ रंग। जब ये लोग सभा में पहुंचते हैं तो हल्की हलचल होती है और बैठने का उपयुक्त स्थान इन्हें मिल जाता है। इस कारण यह समझा जाता है कि भव्यता इन्हें रास्ता देती है लेकिन गौर फरमाइएगा इन लोगों का डील और डौल ऐसा भव्य होता है कि इन लोगों को बैठने के लिए पर्याप्त स्थान की जरूरत होती है। ऐसे में सभा में बैठे कुछ लोग अन्य लोगों को परेशानी से बचाने के लिए इन्हें जगह बनाकर देते हैं इस कारण सभा में पहुंचते ही इन्हें आसानी से जगह मिल जाती है। वैसे भव्यता गुरू का गुण है। बोलने में गंभीर होते हैं। कई बार तो इनके भीतर बच्चा होता है और बाहर से प्रौढ की भांति व्यवहार करते हैं जिस चीज के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं होती उस बारे में भी थोडा सा बोलकर जता देते हैं कि इन्हें पर्याप्त जानकारी है। दूसरों का भला न भी करे तो बुरा करने का ख्याल नहीं रखते। इन लोगों से किसी को नियमित या बहुत फायदा नहीं मिल पाता क्योंकि ये लोग लापरवाह किस्म के होते हैं। न रूखे न रसदार बस मंझे हुए शब्दों और विशेषणों के साथ भव्य लोग। किसी से प्यार भी करेंगे तो नपा-तुला। न ज्यादा न कम। भाग्य पर पूरा भरोसा रखते हैं। ब्रह्म वाक्य ‘जो होगा देखा जाएगा’ और मस्त रहते हैं। पैसेवाले न भी हो तो नैतिक रुप से ऊंचे बने रहते हैं।
2. सूर्य का प्रभाव:सूर्य का सबसे शानदार प्रभाव दिखाई देता है व्यक्ति की आंखों पर। जी हां उसकी आंखें शेर जैसी होती है चमकदार और प्रभावी। लेकिन डरावनी नहीं। आंख के पोरों पर ललासी होती है लेकिन पूरी आंखें लाल नहीं होती। कद कुछ लम्बा होता है। बैठे हुए ठिगने दिखाई देते हैं और खडे होने पर लम्बे चौडे। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्योंकर होता है तो जवाब हाजिर है। सूर्य प्रभावित व्यक्ति का धड छोटा और टांगें लम्बी होती है इस कारण बैठे हुए टांगे पसर जाती है लम्बाई दिखनी बंद हो जाती है खडे होते ही पैरों और धड की लम्बाई मिलकर व्यक्ति को लम्बा दिखाते हैं। जिस्म पतला होता है लेकिन मरियल नहीं होते। इनमें उग्रता नहीं बल्कि तेजी होती है किसी भी काम को कर गुजरने की और किसी भी परस्थिति से मुकाबला कर लेने की। इसलिए पूरे दल में सबसे आगे रहने की कोशिश करते हैं। इनके नेतृत्व में दल में भी जोश रहता है। शराब सहित कई तरह के व्यसनों से दूर रहने की कोशिश करते हैं। अगर कोई इनसे शरारत करे तो माकूल जवाब देते हैं। ईंट का जवाब पत्थर से।
3. चंद्रमा का प्रभाव:हिरण जैसी बडी-बडी चमकती चपल आंखें और दूधिया सफेद कोर। देखने में सुहावने। गोरे और गोरे न भी हों तो गोरे होने का आभास होता है चेहरे की गुलाबी रंगत के साथ। शांत स्वभाव और सहज मुद्रा। अकेले भी खडे हों तो आकर्षित करते हैं बिना आपकी ओर देखे। आपसे बात करेंगे तो आपके मूड की बात करेंगे। इन लोगों के साथ रहने पर विशिष्ट होने का सौभाग्य प्राप्त होता है इनकी विशेषता हमें विशेष बनाने की है। नरमी से बात करेंगे और हमें भी नर्म बनाए रखेंगे। किसी कन्या में यह योग उसे बला की खूबसूरत बना देता है और पुरुष में होने पर अन्य पुरुषों एवं स्त्रियों का प्रिय। ये लोग कपडे भी हल्के रंग के पहनते हैं। ज्यादातर सफेद या सफेदी वाले। शरीर का ऊपरी भाग जहां कमसिन दिखाई देता है वहीं निचला भाग भारी होता है लेकिन बैडोल नहीं होता। अंगूठा छोटा और लचीली सुंदर अंगुलियां। पशुओं को बहुत प्यार करता है। पशुओं से कमाई भी अच्छी कर लेता है। जल्दी से एकाग्र हो जाता है और उतनी ही जल्दी डिटैच भी हो सकता है।
4. शुक्र का प्रभाव:आशिक मिजाज, कुछ खोजती आंखें। भीड में भी कंघा निकालकर अपने बाल संवार सकता है। ऐसा जातक स्त्रियों को बहुत पसंद करता है और यदि जातक स्त्री हो तो वह नित नए कपडों की शौकीन होगी। इन लोगों का कपडे पहनने और संवरने का अंदाज ऐसा होता है कि दिखाई देता है। कुछ हटकर और आकर्षक। अंगुलियां नोंकदार होती है करीने से तराशी हुई। ऐशपरस्त लोग होते हैं, गंभीर चर्चाओं में अधिक देर तक नहीं बैठ सकते। इनकी किसी को झेलने की तबियत कम ही होती है। कोई रोता है तो रोए इनको खुद की चिंता अधिक रहती है। तैयार होने के बाद कोई अगर इनकी सुंदरता की तारीफ न करे तो इनका दिन खराब हो जाता है।
5. मंगल का प्रभाव:ये लोग ज्यादातर डरावने होते हैं। सिर पर घुंघराले बाल, आंखें लाल, गठा हुआ शरीर और उग्रता मंगल की निशानी है। इनका शरीर कप शेप का होता है। वर्जिश न भी करें तो गठन सुंदर होता है लेकिन मजे की बात यह है कि शुक्र के प्रभाव की तरह यह शरीर के गठन को लेकर चिंतित रहते हैं। ऊपरी शरीर चौडा और नीचे का शरीर पतला होता है। लडने के लिए किसी के साथ भी जा सकते हैं लेकिन परेशानी से निकलने का हल इनके पास नहीं होता। जिस काम में लगते हैं वहीं पहला और आखिरी काम होता है। सेनापति की तरह या कह सकते हैं टर्मीनेटर की तरह। यही खूबी इनके मित्र बनाती है और मित्रों से जुदा भी कर देती है।
6. बुध का प्रभाव:आपके ध्यान में कोई ऐसा व्यक्ति है जो मोटा हो, काला सा हो, भद्दा हो और जिसका नीचे का होंठ लटकता हो और जबान को होंठों फिराता रहता हो। जी हां वही है बुध का आदमी। ऐसे लोग दिखने में भोंदू लगते हैं लेकिन चतुर लोगों को कान काटने में माहिर होते हैं। इनका चेहरा इनका बचाव करता है और दिमाग इनका विकास। लडाई झगडे से दूर रहते हैं और ज्यादातर मीडिएटर का काम करते हैं। रूठों को मनाने में आप इनकी सहायता ले सकते हैं लेकिन भरोसा नहीं कर सकते कि किन शर्तों पर इन्होंने आपका मामला सुलझाया है। डरपोक होते हैं और स्वांग भरने में इनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। फटाफट बात करते हैं और आपको हवाई किले पर चढा देंगे। वहां से गिरने का खतरा आप पर ही छोडकर चलते बनेंगे। तरह-तरह की चीजें खाने का शौक होता है लेकिन खाते कम हैं और मोटे जल्दी होते हैं। हर बात की जड तक पहुंचते हैं और बाल की खाल निकालने में उस्ताद होते हैं।
7. शनि का प्रभाव:वो लम्बा आदमी जो कोने में खडा है और कांईया दिखाई दे रहा है शनि का आदमी है। लम्बे, काले, स्याह रंग के, खुन्नस से भरे, चिडचिडे, माथे पर बल, आंखें गहरी, जमे हुए बाल और गहरे विचार में डूबे व्यक्ति को देखकर आसानी से पहचाना जा सकता है कि इस पर शनि का प्रभाव है। ये लोग बहुत सोच विचार करने वाले लोग हैं। इनके दिमाग में अभी क्या चल रहा है आप कभी पता नहीं लगा सकते। आपके साथ चलते हुए भी ये दूसरे व्यक्ति का एनालिसिस कर रहे होते हैं। हर काम में अतिरिक्त सावधानी बरतते हैं इस कारण इनके रंगे हाथ पकडे जाने की संभावना नहीं के बराबर होती है। कान छोटे होते हैं और जिस व्यक्ति का साथ देंगे उसके साथ बर्बाद होने तक लगे रहेंगे। या तो उसे तार देंगे या फिर खुद बर्बाद हो जाएंगे।
8. राहू का प्रभाव:चेहरे का रंग उडा हुआ और आंखों के नीचे काले घेरे बने हुए। सामने खडा भी कुछ देर तक दिखाई नहीं देता। इसके दिमाग में शरारत होती है और जिसके विरुद्ध एक बार लग जाए उसका सत्यानाश करके ही दम लेता है। फितरत धुएं जैसी होती है। कुछ भी स्पष्ट नहीं। न लक्ष्य स्पष्ट होता है और न ही भटकाव। सबकुछ गढमढ हो तो मान लीजिए राहू प्रभावित है। राहू खराब होगा तो काले रंग का होगा राहू बेहतर परिणाम देने वाला हो तो रंग साफ होता है। इससे गुरू का व्यक्ति होने का धोखा भी हो सकता है। बिल्ली के स्वभाव का। मकान से प्यार करने वाला मकान मालिक से नहीं। ज्यादा खाता है लेकिन अच्छा खाए जरूरी नहीं। जो कुछ मिल जाए बस ज्याद मिले। दिमाग घूमता रहता है हर वक्त। एक फितूर के बाद दूसरा।
9.
केतू का प्रभाव:एक ही काम में जुटा हुआ व्यक्ति। इसे कोई दूसरा काम बताया जाए तो उसमे रुचि नहीं लेता है। सालों से जो करता आ रहा है वहीं करने में रुचि दिखाएगा। यकीन मानिए उसे भी ढंग से नहीं कर रहा होगा। ऊपरी शरीर मजबूत और निचला शरीर भारी होता है। खुद पीडित रहता है और साथी को भी पीडा देता है। इसके साथ रहना कष्टदायक होता है। आपके पीछे चलता है तो हमेशा पीछे ही चलेगा और मांगेगा कुछ नहीं। न पुचकार न धिक्कार। बस सालों से आपके पीछे चल रहा है तो अब भी पीछे ही चलेगा। व्यवहार भी एक जैसा ही रहता है। नई बात जल्दी से इसके दिमाग में बैठती नहीं है।
मैंने विभिन्न चेहरे मोहरे के लोगों का ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विश्लेषण करने का प्रयास किया है। इसमें किसी भी व्यक्ति विशेष के प्रति टिप्पणी करने का मेरा कोई इरादा नहीं है। यह जानकारी आपको कैसी लगी बताइएगा। मैं इंतजार करूंगा।
gurudev, aapka blog interesting laga magar kuchh bhi padte hue apne ko associate karne par confusing laga. ab mere chehre aur sharir ki banavat to thodi thodi sabhi grahon ka asar dikhati hai.
जवाब देंहटाएंgurudev, aapka blog interesting laga magar kuchh bhi padte hue apne ko associate karne par confusing laga. ab mere chehre aur sharir ki banavat to thodi thodi sabhi grahon ka asar dikhati hai.
जवाब देंहटाएंsidharth.u r doing really very difficult job.yr literature is speaking abt yr deep knwoledge on the subject matter.y r shinning yr gurus name
जवाब देंहटाएंcarry on sidharth.very good splendid &remarkable job is being carried by u
जवाब देंहटाएंhiiiiiii
जवाब देंहटाएंआप के ब्लॉग पर पहली बार आना हुआ.
जवाब देंहटाएंदेखा,यहाँ तो बहुत सी रुचिकर जानकारी है.
धन्यवाद.
Joshi ji, apka blog pahli bar dekha bahut hi achhi jankariya di gayeen hain.
जवाब देंहटाएंthanks.