शेयर बाजार और मंगल के रोल के बारे में थोडा बहुत पहले के पोस्ट में लिखा अब जब शेयर बाजार जोरदार गिरकर वापसी करने की तैयारी कर रहा है तो मुझे लगता है कि मंगल के रोल को समझाने का सबसे सही वक्त है।
बाजार में कौनसी कंपनियां मंगल के अधीन हैं इस बात का कोई लेन देन शेयर बाजार और मंगल से नहीं है लेकिन जातक की कुण्डली में मंगल का रोल अधिक महत्वपूर्ण है। कैसे बताता हूं
शेयर बाजार की नेचर के संबंध में सबसे आम धारणा यही है कि यह एक बैटल फील्ड है यानि युद्ध का मैदान कब कौनसी गोली किधर से आकर लग जाएगी कोई नहीं जानता।
एक बार एक सटोरिए ने यह फिलासाफी मुझे समझाई थी उन दिनों उसे गोली लगी हुई थी। एनसीडीईएक्स के इस सटोरिए ने जिन्दगी में कई बार धक्के खाए। पांच सौ रुपए प्रतिमाह की नौकरी से जीवनयापन शुरू करने वाले इस बंदे ने रिजर्व मनी के रूप में साठ करोड रुपए से अधिक राशि जमा कर रखी है। जब इसके सितारे गर्दिश में थे तो इसे खुद पर भरोसा नहीं रहा। इसने मुझसे पूछा कि बरखुरदार क्या होगा मेरा। इस पर मेरा एक ही जवाब था कि समय तुम्हारा है युद्ध के मैदान में गिरते रहोगे लेकिन हारोगे नहीं। मेरे पास यह बात कहने का एक ही आधार था कि इस बंदे की कुण्डली का मंगल जबरदस्त था।
शेयर बाजार से संबंध कैसे
शेयर बाजार में भी वहीं सबकुछ होता है जो कमोडिटी मार्केट में होता है अन्तर इतना है कि कमोडिटी में ट्रेडर के हाथ में फिजिकल जैसा कुछ नहीं होता और शेयर बाजार में डीमैटीरिएलाइज शेयर होते हैं। कमोडिटी में एक दिन का घाटा कुछ हजार रुपए से कुछ सौ करोड रुपए तक हो सकता है लेकिन शेयर बाजार में किसी एक व्यक्ति को इतना लाभ या घाटा नहीं होता। लेकिन नियम वही रहते हैं कि गोली कहीं से भी आ सकती है। तो कौन है जिसे शेयर बाजार में उतरना चाहिए
स्वाभाविक सवाल है
शेयर बाजार में एक बार निवेश कर देना और सालों तक इंतजार करके बढे हुए रुपयों पर गर्व करना आदर्श बात है इसे शेयर बाजार में घुसना नहीं कहा जा सकता। मैं बात कर रहा हूं ऐसे लोगों की जो एक दिन में या कुछ दिनों के अन्तराल में अच्छा पैसा बना लेते है। इसी अच्छे के फेर में कईयों के वारे न्यारे हो जाते हैं और कुछ कंगाल।
तो भईया चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो, लग्न स्ट्रांग हो और मंगल को सपोर्ट करते हों तो शेयर बाजार में उतर जाना चाहिए। यह तो बहुत स्थूल विश्लेषण हुआ। ठीक है ज्यादा स्पष्ट करता हूं
चंद्रमा हमारे मन का कारक है
अगर यह कमजोर होता है तो शेयर बाजार की उतार चढाव के बहाव के साथ बहने लगता है और सब गुड गोबर करा देता है
लग्न- आपने अगर अपनी कुण्डली देखी हो तो उसमें ऊपर एक संख्या लिखी होती है। किसी के एक तो किसी के पांच किसी के सात यह लग्न होता है। प्राय मेष, सिंह और तुला लग्न के लोग शेयर बाजार के धंधे के लिए उत्तम होते हैं अन्य लग्नों के लोग भी इसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं जबकि लग्न का अधिपति अच्छी स्थिति में बैठा हो। लग्न उत्तम होने पर आदमी स्पष्ट निर्णय कर पाता है और उस पर अडिग रह पाता है। लम्बी रेस के घोडों में यह खासियत होती है कि वे जल्दी से घबराते नहीं है एक बार पिछड जाने पर अपने निर्णयों को बदलते नहीं है और रेस के अंत में अधिक प्रयत्न कर जीत जाते हैं उन्हें छोटे छोटे झगडों में जीता जा सकता है लेकिन युद्ध वे ही जीतेंगे। इसलिए लग्न बहुत बलशाली होना चाहिए। कोई भी लग्न बलशाली हो सकता है। बशर्ते उस पर किसी क्रूर ग्रह की नजर न पड रही हो और उसका मालिक बेहतर स्थिति में हो
अब मंगल मंगल सेनापति है। पहले लडने के लिए जोश देता है और फिर डटे रहने के लिए बाद में समय पर निकल जाने की बुद्धि भी। तो समझे मंगल का रोल। यह सबसे जरूरी है जो लोग शेयर बाजार को देखते हैं उन्हें पता है कि चंद्रमा, लग्न और मंगल में से सबसे अहम रोल किसका रहेगा।
शनिवार, फ़रवरी 02, 2008
शेयर बाजार और मंगल का रोल- भाग दो

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सिद्धार्थ जी काफी पसंद आया आपका यह ब्लॉग। शेयर बाजार और मंगल का रोल सुंदर रचना, उम्मीद है आम आदमी को इन लेखों से लाभ होगा। हालांकि, मुझे नहीं पता मेरे मंगल के बारे में लेकिन आत्मविश्वास खराब और बेहतर दोनों स्थितियों में मजबूत रहा है। शेयर बाजार में इस समय भी गिरावट है लेकिन यकीन है जिन कंपनियों पर दांव खेला है वहां नुकसान नहीं होगा। लंबे समय से इस बाजार में होने से खराब और अच्छी दोनों चीजें देख चुका हूं। इसी तरह लिखते रहिए यह सभी के लिए फायदेमंद होगा।
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