सौभाग्यशाली बनने के लिए
अनुकूल नक्षत्रों में पहने नए कपड़े

एक दिन उसने निश्चय कर लिया कि अब बॉडी को बिल्कुल सलमान खान की तरह बनाना है। जिम जाकर फीस पूछी तो पता चला कि पहले पांच हजार रुपए लेंगे फिर हर महीने डेढ़ हजार। उसे जंचा नहीं। यह तो महंगा शौक हो गया। उसने पहलवानी अखाड़े में पता किया, जिसमें ट्रेड मिल और मल्टीजिम जैसी कुछ आधुनिक मशीनें भी लगी हुई थी। पहलवान गुरुजी ने कह दिया, पहले तीन किलोमीटर की दौड़ और बाद में अखाड़े पहुंचकर सौ उठक-बैठक और सौ दण्ड निकालने के बाद मशीन के पास जाने देंगे।

किसी ने एक दुकान बताई वहीं सिले सिलाए लाल रंग के लंगोट पड़े थे। उसने अखाड़े में भी देखा कि सभी लाल रंग के लंगोट पहने हुए थे। अब सलमान खान तो बाकी क्रू से अलग दिखेगा। ऐसे में उसने बने बनाए लंगोट लेने से मना कर दिया। बाजार से कपड़ा लिया और दर्जी के पास जाकर लंगोट सिलवा लिया। बस एक गड़बड़ हो गई, उसने लंगोट हरे रंग का सिलवाया। ठीक है अखाड़े पहुंचकर अगले दिन प्रेक्टिस शुरू हुई। भाई को लगा अखाड़े में आलसी पहलवान हैं। सो अखाड़े के बाद शाम को घर आकर फिर डम्बल और पुशअप और किए। रात तक दस्त छूट गए।

मैं उसी समय उनके घर पहुंचा था। सारी कथा आदि से अंत तक सुनी। मुझे एक ही बात समझ में आई कि लाल लंगोट रेड सिग्नल की तरह काम करता होगा और हरा लंगोट पेट की हवा खराब करता होगा। मेरी बात को भाई ने अनसुना कर दिया। कई दिन पेट की यही स्थिति रही। बाद में तो पानी की तरह धार निकलने लगी।
आखिर भाई बाजार से रेडीमेड लंगोट (लाल रंग का) लेकर आया। उसके बाद अखाड़े गया, तो पेट भी स्थिर रहा। मैंने अपनी डायरी में अंकित कर लिया कि लंगोट का रंग लाल ही होना चाहिए, कम से कम पहलवानों के लिए...
हो सकता है यह बात आपको मजाक लगे, लेकिन बड़ों से हमने भी सुन रखा है कि बुध पहने बागा, कभी न रहे नागा। यानी बुधवार को नए कपड़े पहनने वालों को हमेशा नए नए कपड़े मिलते रहेंगे। मंगलवार और शनिवार को नए कपड़े पहनने वालों के कपड़े जल्दी नष्ट होते हैं।
रविवार को नए कपड़े पहनने पर वे जल्दी फटते हैं। कपड़ों के साथ कटने, फटने, खोने या दाग लगने की घटनाएं इतनी आम हैं कि हम इस पर कभी ध्यान नहीं देते। पर, जो लोग वार आदि का ध्यान रखते हैं उन्हें हम हमेशा टिप टॉप कपड़ों में देख सकते हैं।
परिधानों की नक्षत्र कुण्डली
एक विशिष्ट अध्ययन में पाया गया है कि विशेष नक्षत्र में पहने गए कपड़े शानदार परिणाम देते हैं। मैंने तो नहीं, लेकिन मेरे गुरुजी ने यह प्रयोग कर रखा है और उसका शानदार परिणाम भी उन्हें हासिल हुआ। इसी तरह एक जातक को विवाह के नौ साल बाद भी कोई संतान नहीं हुई। उसे आगामी दो साल तक की तिथियां दी गई। ये तिथियां एक नक्षत्र विशेष की थी। इन नक्षत्रों में नियमित रूप से कपड़े पहनने के बाद महज डेढ़ साल में ही जातक को पुत्र की प्राप्ति हुई।
ये दोनों उदाहरण मुझे यकीन दिलाने के लिए पर्याप्त हैं कि विशेष नक्षत्र में कपड़े पहनने से लाभ होता है। मनचाहा परिणाम हासिल किया जा सकता है। मैं चाहता तो था कि यहां सभी नक्षत्रों के बारे में जानकारी दूं, लेकिन गुरुजी ने ऐसा करने से मना कर दिया है। फिर भी इतनी छूट है कि मैं यह बता दूं कि बेहतर नक्षत्र कौन कौनसे हैं...
अश्विनी, रोहिणी, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, धनिष्ठा, उत्तराभाद्रपद और रेवती
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