इन दिनों टैरो कार्ड की सत्यता पर बहस छिडी हुई है। मुझे लगा कि इस बारे में मुझे जो जानकारी उपलब्ध है उसे इस ब्लॉग पर डालना चाहिए। वर्ष 1998 में पहली बार दिल्ली के बुक फेयर में मैंने टेरो की पुस्तक और उसकी ताश की गडडी देखी थी। इसके बाद बीकानेर लौटने पर पहला काम यही किया कि अपने गुरूजी के पास जाकर टैरो की जानकारी हासिल की। पहले तो वे हंसे फिर कहा यह तो वही है जो तुमने कृष्णामूर्ति के ओमेन में पढा है। यह शुरूआती संकेत लेकर मैंने टैरो की किताबें पढना शुरू की। शीघ्र ही मुझे लगा कि प्रश्न कुण्डली के साथ कृष्णामूर्ति ने जो ओमेन का पार्ट दिया है यह उसका भी छोटा रूप है। कैसे होता है यह सब ताश के पत्ते और उनके कांबिनेशन से अर्थ निकालने में ज्योतिषी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पहले एक पत्ता निकालकर उससे अर्थ निकाला जाता है फिर दो प्त्तों से उसके बाद तीन से और ऐसे दस पत्तों के साथ् ऐसा किया जा सकता है। इसमें गूढ कुछ भी नहीं है। सीधा-सीधा पत्तों का अर्थ और अर्थ का व्यक्ति पर आरोपण
इसे गांव में बैठने वाले उन पोंगा पंडितों की तरह देखा जा सकता है जो चील की गति और टिटहरी की फुदकने से भविष्य बताते हैं। जिसे यकीन करना हो करे वरना इसे ऐसे ही छोडा जा सकता है।
एक बात और
ये भविष्यवक्ता दुनियाभर में बैठे करोडो लोगों का भविष्य एकसाथ बता देते हैं यह क्योंकर संभव होता है यह सोचने का विषय है। एक राशि के लिए कहा जाता है कि ये लोग दिन में रोमांस करेंगे तो क्या 50 करोड लोग रोमांस में लग जाते हैं। और फिर सूर्य राशि कितनी सही है और कितनी गलत यह अलग बहस का विषय है।
गुरुवार, नवंबर 08, 2007
टैरो कार्ड और इसका महत्व
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Famous Astrologer Sidharth Jagannath Joshi
Astrologer Sidharth Jagannath Joshi is One of the best astrologer having good practice in India. He mastered in traditional Parashar Paddathi, Lal Kitab, Krishnamurti Paddhati and Vastu Shastra. With his accurate horoscope prediction and effective remedies, he got attention from Indians who are spread all over the globe. His premier customer is from USA, Australia, England, Europe, Middle East, China as well as all over India.
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