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बुधवार, मार्च 07, 2012

Astrological tips to improve memory : Lal kitab on Education

याददाश्‍त बढ़ाने के लाल किताब के नुस्‍खे
(Lal kitab ke nuskhe)

इन दिनों परीक्षाओं (Examination) का भूत सिर पर है। ऐसे में पूरे साल में पढ़ा गया कोर्स एकसाथ याद करने का दबाव बना हुआ होता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी याददाश्‍त (Memory) बहुत जरूरी है। लाल किताब में कई प्रकार की याददाश्‍त के बारे में बताया गया है। हालांकि लेखक ने लाल किताब की इन विधियों का इस्‍तेमाल नहीं किया है, लेकिन जिस स्रोत से ये उपाय प्राप्‍त हुए हैं, उनका दावा है कि ये उपचार शत प्रतिशत काम करते हैं। हो सकता है निकट भविष्‍य में मैं इन उपचारों का इस्‍तेमाल करूं, इससे पहले मैं आपके लिए भी इन्‍हें पेश करता हूं।

सामान्‍य याददाश्‍त के लिए 
(General memory for all)

थोड़े से चावल लीजिए, उन्‍हें हल्‍दी के घोल से रंग लीजिए। इन चावलों को शिव मंदिर में जाकर चढ़ा दीजिए और शिवजी से प्रार्थना कीजिए कि वे आपकी याददाश्‍त को बढ़ाएं। मंदिर में कुछ चावलों को छोड़कर शेष चावल घर ले आएं। घर लाए चावलों को चांदी की एक चौकोर डिब्‍बी में रखकर अपनी माता को भेंट कर दें। वे इस डिब्‍बी को संभालकर घर के उत्‍तरी-पूर्वी कोने में रखेंगी।

विश्‍लेषणात्‍मक याददाश्‍त के लिए 
(Analytical memory)

दूध का कुल्‍हड़ रोजाना मंदिर में दान करके आएं। यह तेरह दिन तक करना है, नियमित रूप से।

गणित और विज्ञान संबंधी याददाश्‍त के लिए 
(Maths and science)

छोटे फूलों वाली बनियान (महिलाओं के मामले में अंतरंग वस्‍त्र) पहनना शुरू करें। इस पर पीले रंग के एब्रोइडरी या पेंटिंग वाले फूल हो सकते हैं।

सामान्‍य ज्ञान की याददाश्‍त के लिए
(For general knowledge) 

कांसे के छोटे बर्तन में सरसों के तेल में हल्‍दी पाउडर को गूंथकर गोला बनाएं। इसे पीपल के पेड़ पर चढ़ाकर आएं। पेड़ के नीचे इसे रखकर अपने पूर्वजों से प्रार्थना करें कि वे आपकी स्‍मृति को बढ़ाएं। इस गोले का एक छोटा भाग पेड़ के नीचे ही रख आएं और शेष हिस्‍से को घर ले आएं। इसे अपनी माता को दे दें, ताकि वे इसे घर के उत्‍तरी पूर्वी कोने में सुरक्षित स्‍थान पर रखें।

सभी के लिए पारंपरिक उपचार
(Traditional remedy for all) 

गले में छह मुखी रुद्राक्ष की माला पहनें। इसमें दो पांच मुखी रुद्राक्ष भी होने चाहिए। यह माला सफेद धागे में पिरोई हुई होनी चाहिए। यह माला शुक्‍ल पक्ष के सोमवार को शिव आराधना के बाद पहनी जा सकती है।

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मैं पहले स्‍पष्‍ट कर चुका हूं कि मैंने इनका प्रयोग नहीं किया है, ना ही मैंने अपने जातकों को इन उपचारों के बारे में कभी सलाह दी है, लेकिन इसका स्रोत इन उपायों के प्रति इतना निश्चिंत है कि उनका मानना है कि ये सौ प्रतिशत काम करते हैं। अभी विद्यार्थी परीक्षाओं की तैयारी में लगे और प्रतियोगी भी परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं। किसी एक दिन पंद्रह बीस मिनट का समय निकालकर इन उपचारों को किया जा सकता है। अगर कुछ पाठक इन उपचारों को करते हैं तो उन्‍हें निश्‍चय ही लाभ हो सकता है। अगर कोई जातक उपचार करे, तो कृपया मुझे भी सूचित करे। इससे मुझे और आने वाले नए पाठकों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। चाहे फीडबैक अच्‍छा हो या खराब..

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