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मंगलवार, फ़रवरी 26, 2008

बारह राशियों का सच

आज का फलादेश
मेष राशि के लोगों का दिन अच्‍छा होगा, वृष राशि के लोग अपनी प्रेमी या प्रेमिका से मिलेंगे, मिथुन राशि के लोग व्‍यापार में उत्‍तम फल प्राप्‍त करेंगे, कर्क राशि के लोगों को चिंता रहेगी, सिंह राशि के लोगों को अधिकार मिलेगा, कन्‍या राशि के लोग अपनी पसंद के लोगों से मिल पाएंगे, तुला राशि के लोगों का स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहेगा, वृश्चिक राशि के लोग बहस में न पडें, धनु राशि के लोगों को नए मित्र मिलेंगे, मकर राशि के लोगो को घर में समय बिताना चाहिए, कुंभ राशि के लोगों के लिए इंवेस्‍टमेंट का सही समय है और मीन राशि के लोग लम्‍बी यात्रा पर जाएंगे।

क्‍या आपको यह मूर्खता नहीं लगती?

रोजाना अखबारों, टीवी, इंटरनेट और मोबाइल पर बारह राशियों के फलादेश दिए जाते हैं। मैं सोचता हूं कि किसी एक व्‍यक्ति का दिन बारह राशियों के फलादेश के अनुसार होता भी है कि नहीं। पूरी दुनिया में छह अरब लोग हैं। इन लोगों को बारह भागों में बांट दिया जाए तो प्रत्‍येक राशि के हिस्‍से में पचास करोड लोग आएंगे। यानि एक फलादेश को पचास करोड लोगों पर लागू करने की मूर्खता की जाती है। फिर भी लोग रोजाना इसे देखते हैं और अपने दिन का आंकलन भी इसके अनुसार करते हैं। आप बताइए क्‍या ऐसा संभव है कि पचास करोड लोग आज बहस नहीं करेगे या इन्‍हें नए मित्र मिलेंगे या फिर लम्‍बी यात्रा करेंगे। तो क्‍या है फलादेश का सच
किसी राशि विशेष का दिन आज कैसा जाएगा अच्‍छा या खराब इस बारे में भी बताया नहीं जा सकता। क्‍योंकि यह मण्‍डेन का हिस्‍सा है और हर व्‍यक्ति की निजी कुण्‍डली होती है न कि वह मण्‍डेन पर चलता है। यानि मण्‍डेन के अनुसार यदि आज बारिश आनी है तो सबका दिन खराब नहीं होगा। कुछ लोग इसका आनन्‍द लेंगे तो कुछ लोग जुकाम के डर से अपने कमरे से ही बाहर नहीं निकलेंगे। कुछ लोगों को सुनहरी धूप अच्‍छी लगती है तो कुछ लोगों के लिए इसे सहन करना ही मुश्किल होता है। इसके अलावा व्‍यक्तिगत कुण्‍डलियों में दशाएं भी चल रही होती हैं किसी अच्‍छी दशा में आपका दिन हर हाल में अच्‍छा ही जाएगा और खराब दशा में हर हाल में खराब।

हर व्‍यक्ति अलग होता है
यकीन मानिए दो जुडवा भाई भी एक जैसा भाग्‍य लेकर नहीं आते। हर चार मिनट के अन्‍तर पर ग्रहों की दशाएं और भाग्‍य की रेखा बदल जाती है। इस कारण एकसाथ पैदा हुए जुडवां बच्‍चों का भविष्‍य भी अलग अलग होता है। कई बार तो जमीन आसमान का अन्‍तर होता है। जुडवा होने का यह अर्थ्र नहीं होता कि उनकी कुण्‍डली भी एक ही बनेगी। हां लग्‍न वही होगा लेकिन सबलार्ड में अन्‍तर आ जाएगा। हर चौथे मिनट में। और इससे अधिक अन्‍तर तो मां के पेट से बच्‍चों को निकालने में लग जाता है। इसलिए यकीन मानिए आज अखबार, टीवी, इंटरनेट या मोबाइल पर दी गई आपकी राशि का भविष्‍य कथन हर हाल में झूठा ही होगा। चाहे आप इसे खुद से जोडकर सत्‍य साबित करने की कोशिश करें या नहीं।

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपने लिखा है की किन्ही दो जूड़वाँ बच्चों की कुण्डलियाँ एक जैसी नहीं हो सकती. सही है. अब यह बताएं कुल कितनी तरह की कुण्डलियाँ बननी सम्भव है. जहाँ तक मुझे ज्ञात है 60 हजार से ज्यादा सम्भव नहीं.

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  2. Dear Sidhartha,
    You have written very well. I appreciate your mind blowing thought. Keep it up.
    Anil Chakravarty

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